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जानिए, अगले 100 दिनों में क्या-क्या कर सकती है मोदी सरकार?

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नई दिल्ली- 2019 में जनता ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को ऐसा मैनडेट दे दिया है कि उनके सामने लोगों के भरोसे पर खरे उतरने की चुनौती है। जनता की उम्मीदें आसमान पर हैं। जाहिर है कि इतने बड़े समर्थन को देखते हुए प्रधानमंत्री के जेहन में तीन-चार बातें जरूर हो सकती हैं। मसलन, पिछले पांच साल के कार्यकाल में जो कमियां रह गईं, उनके पास उसे ठीक करने का मौका है। उन्होंने सोशल-इकोनॉमिक फ्रंट पर आजादी के 75 साल यानी 2022 के लिए जो पहले से ही एजेंडा तय कर रखा है, उसे करके दिखाना होगा। 2024 में बीजेपी (BJP) लोगों के सामने वापस क्या लेकर जाएगी, उसके माइलस्टोन की बात उनके जेहन में जरूर होगी; और सबसे बड़ी बात पार्टी की विचारधारा के मुताबिक तमाम संभव मकसदों को डिलिवर करके दिखाने के लिए प्रयास शुरू करके दिखाने होंगे। अगले 100 दिनों में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि खास राष्ट्रीय और वैश्विक विषयों पर मोदी की अगली सरकार किस तरह से अपना कदम आगे बढ़ाती है।

राम मंदिर पर सबकी नजर

राम मंदिर पर सबकी नजर

राम मंदिर (Ram Temple) यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट के पास है। 2019 की शुरुआत में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और उससे जुड़े कुछ संगठन इस विवाद के स्थाई निपटारे के लिए कोई टाइम लाइन चाहते थे। लेकिन, तब मोदी ने किसी तरह से उन्हें सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर शांत करा दिया। अभी इसपर सुप्रीम कोर्ट के अधिन मघ्यस्थता की कोशिशें चल रही हैं। अगर यह प्रयास नाकाम हो जाता है, तो सरकार पर अंदरूनी दबाव बढ़ सकता है। लेकिन, फिलहाल लगता नहीं कि सरकार इतनी जल्दी इस मसले में कूदना चाहेगी, वह सुप्रीम कोर्ट के रवैये का कुछ महीने इंतजार जरूर करना चाहेगी।

आर्टिकल 35ए पर उठा सकते हैं कदम

आर्टिकल 35ए पर उठा सकते हैं कदम

बीजेपी के संकल्प पत्र (Sankalp Patra) में संविधान से आर्टिकल 35ए (Article 35A) के विवादास्पद धारा हटाने का वादा क्या गया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के निवासियों को कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं। बीजेपी (BJP) का कहना है कि संविधान में इस धारा को बिना संसद की मंजूरी के घुसाया गया है। इस धारा को खत्म करना आरएसएस (RSS) के टॉप एजेंडे (Top Agenda) में है। मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर की हालातों को जेहन में रखकर ही इसपर कोई पहल करेगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र (manifesto) में 2024 तक इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है। इसमें अगले पांच साल में हाइवे (highways) का विस्तार दोगुनी करके 2 लाख किलोमीटर तक करने का वादा किया गया है। इंडिया टुडे की खबरों के मुताबिक 50-60 हजार किलोमीटर हाइवे (highways) बनाने का प्रपोजल तैयार है और सरकार बनने के कुछ समय के अंदर ही इसे हरी झंडी मिल सकती है।

रूरल डेवलपमेंट के लिए एक्शन

रूरल डेवलपमेंट के लिए एक्शन

नई मोदी सरकार अपनी कैबिनेट की पहली ही बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के फेज-3 के तहत लिंक रूट्स के निर्माण के लिए 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये तक मंजूर कर सकती है।

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घर और समाज कल्याण पर फोकस

घर और समाज कल्याण पर फोकस

मोदी 2022 तक सबको पक्का घर देने की बात पिछले 5 साल करते आए हैं। अब इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए सिर्फ 3 साल हैं। इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना (Urban) में सरकार के पहले 100 दिन में तेजी आ सकती है। समाज कल्याण से जुड़े मंत्रालयों ने अपने-अपने कुछ नए प्रोजेक्ट तैयार कर रखे हैं, जिसे सरकार के पहले 100 दिन में शुरू होने की संभावना है। स्कॉलरशिप प्रोग्राम का विस्तार किया जा सकता है और वह जरूरतमंदों को आसानी से मिले यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है। आदिवासियों की शिक्षा और जीवन-यापन के लिए संबंधित मंत्रालय खास योजनाओं पर काम कर रहे हैं। जंगल के उत्पादों की सही कीमत मिले, इसके लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस स्कीम (MSPS) को और और अच्छा किया जा सकता है।

मोदी सरकार के पहले तीन महीने में सोशल सेक्टर से जुड़ी सभी फ्लैगशिप प्रोग्राम मसलन, स्वास्थ्य एवं रोजगार के सेक्टर पर अतिरिक्त जोर दिए जाने की संभावना है।

अर्बन डेवलपमेंट पर जोर

अर्बन डेवलपमेंट पर जोर

बड़े शहरों के आसपास करीब 200 अर्बन क्लस्टर्स (urban clusters) बनाने की मंजूरी दी जा सकती है। अभी तक ऐसे 300 अर्बन क्लस्टर्स विकसित भी किए जा चुके हैं। स्मार्ट सिटी मिशन (Smart city mission) में 100 शहरों के अलावा कुछ नए शहरों को भी शामिल किया जा सकता है। अगले महीने के अंत तक इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये तक के टेंडर दिए जा सकते हैं। इस मिशन का अगले महीने 4 साल पूरा हो रहा है।

भ्रष्टाचार पर और सख्ती

भ्रष्टाचार पर और सख्ती

विजय माल्या (Vijay Mallya) और नीरव मोदी (Nirav Modi ) जैसे इकोनॉमिक ऑफेंडर्स (economic offences) को भारत लाने की कोशिशें तेज हो सकती हैं। ब्लैक मनी को रोकने के लिए बेनामी से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ और सख्ती भरे कदम उठाए जा सकते हैं।

सबको शिक्षा देने पर जोर

सबको शिक्षा देने पर जोर

एचआरडी मिनिस्ट्री ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National Education Policy) के लॉन्च करने से लेकर 9 और तरह की प्राथमिकता वाली लिस्ट तैयार कर रखी है। इसमें फैकल्टियों की भर्ती, इंस्टीट्यूशन्स ऑफ एमिनेंस ( Institutions of Eminence) की संख्या में इजाफा, हाइयर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया का रिवाइवल और एक नई मान्यता प्रणाली (accreditation system) शुरू करना शामिल है।

पूर्ण बजट होगा खास

पूर्ण बजट होगा खास

मोदी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश कर सकती है, जिसमें डायरेक्ट टैक्स रेट में बदलाव देखने को मिल सकता है। निजी आयकर में 5 लाख तक की छूट का फायदा सभी आय-वर्ग वालों को दिया जा सकता है, जैसा कि वित्त मंत्री ने चुनाव से पहले के बजट में कहा भी था। कॉर्पोरेट टैक्स को थोड़ा कम करने की कोशिश हो सकती है। अलबत्ता सरकार इनडायरेक्ट टैक्स की चोरी रोकने के लिए कुछ कड़े कदम भी उठा सकती है। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को प्रोत्साहित करने वाले कदम भी देखने को मिल सकते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके बन सकें।

एग्रीकल्चर पर फोकस तय

एग्रीकल्चर पर फोकस तय

मोदी सरकार को अंदाजा है कि खेती और किसान दोनों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 50 फीसदी आबादी इसी के भरोसे है। इसलिए सरकार किसानों और भूमिहीन मजदूरों का जीवन आसान बनाने के लिए कुछ और प्रयास शुरू कर सकती है। 'किसान सम्मान निधि' का लाभ सब जरूरतमंदों तक पहुंचे, चुनाव खत्म होने के बाद यह भी सरकार की शुरुआती प्राथमिकता में रहने वाली है।

इकोनॉमी-बिजनेस-इंवेस्टमेंट को प्राथमिकता

इकोनॉमी-बिजनेस-इंवेस्टमेंट को प्राथमिकता

मोदी सरकार आने वाले 100 दिनों में रोजगार पैदा करने के लिए कई तरह के कदम उठाने पर विचार कर सकती है। इसी के तहत मैन्युफैक्चरिंग (manufacturing) को बढ़ावा देने वाली एक नई इंडस्ट्रीयल पॉलिसी की भी चर्चा हो रही है। पीएम के दफ्तर में इन दिनों इससे संबंधित सुझावों की बाढ़ सी आई हुई है। जानकारी के मुताबिक पीएमओ (PMO) ने ही 100 दिन में किए जाने के लिए प्राथमिकता वाले कामों के मद्देनजर फीडबैक मांगी है। सरकार एफडीआई (FDI) और घरेलू निवेशों को बढ़ावा दिने के लिए भी कुछ बड़ी पॉलिसी मेजर्स की घोषणा कर सकती है।

विदेश नीति- पड़ोसियों तक पहुंचने की पहल

विदेश नीति- पड़ोसियों तक पहुंचने की पहल

नई सरकार में पड़ोसी देशों से अच्छे संबंधों पर कितना जोर रहने वाला है, इसका अंदाजा इसी से मिलता है कि 30 मई के शपथग्रहण कार्यक्रम के लिए बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों के प्रमुखों, जिनमें बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं को न्योता भेजा गया है। इन देशों के अलावा लिस्ट में मॉरीशस के प्रधानमंत्री और चेक रिपब्लिक के प्रमुख भी शामिल हैं। अपनी नई पारी में पीएम मोदी अपना पहला विदेश दौरा मालदीव की करने वाले हैं। इनके अलावा वो आने वाले कुछ महीनों में नेपाल और भूटान की यात्रा पर भी जा सकते हैं। उनके एजेंडे में बांग्लादेश का भी दौरा हो सकता है। लेकिन, इतना तय है कि मोदी के एजेंडे में आपसी सहयोग के अलावा आतंकवाद से निपटने की साझा चुनौती को प्रमुखता मिलने वाली है।

महत्वपूर्ण विदेश दौरे

महत्वपूर्ण विदेश दौरे

पीएम का अगला अहम विदेश दौरा किर्गिस्‍तान के बिश्केक की हो सकती है, जहां उनके एससीओ (SCO) समिट में भाग लेने की संभावना है। वहां उनका सामना पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के साथ भी हो सकता है। इस यौत्रा के दौरान पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्वपक्षीय बातचीत में भी शामिल हो सकते हैं। दोनों नेता इस साल के आखिर में भारत भी आ सकते हैं। इसी साल बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति , जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानंत्री भी भारत यात्रा पर आने वाले हैं।

इसके अलावा जून में ही जापान के ओसाका में जी-20 ( G-20 ) समिट भी है, जहां उनकी कई वर्ल्ड लीडर्स के साथ आपसी बातचीत की संभावना है। इसमें सबसे बड़ा नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का है। अगस्त में जी-7 समिट में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति मैकरॉन ने उन्हें गेस्ट के तौर पर अलग से बुलावा भेजा है। वर्ल्ड लीडर्स के साथ बातचीत में पीएम मोदी का आतंकवाद और आपसी सहयोग के अलावा भारत के हित के मुताबिक डिजिटल पॉलिसी बनाने पर भी जोर रह सकता है।

कुल मिलाकर, मोदी सरकार के अगले 100 दिन के एजेंडे में प्रशासनिक, सामाजिक, लोक-कल्याणकारी, आर्थिक, कारोबारी और विदेश नीति से जुड़े सभी पहलू शामिल किए जा सकते हैं, जिनका पहला टारगेट 2022 और फिर 2024 रहने वाला है।

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English summary
100 days agenda for Narendra Modi Government
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