मुंबई में दीवार के नीचे दबी 10 साल की मासूम, 'मुझे बाहर निकालो' की लगा रही गुहार
मुंबई। उत्तरी मुंबई के भीड़भाड़ वाले पिंपरीपाड़ा इलाके में बचावकर्मी एक 10 साल की लड़की को दीवार के मलबे से निकालने का काम कर रहे हैं, जो मंगलवार तड़के भारी बारिश के चलते ढह गई थी। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। बच्ची को बचाने में जुटे एक बचाव कर्मी ने कहा, लड़की संचित नालवाडे मदद के लिए रो रही है और पिछले कुछ घंटों से पानी मांग रही है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि, दीवार गिरने के कुछ देर बाद, हमने मलबे के नीचे से एक बच्चे को बचाया था। यह लड़की संचीता 2 बजे से मदद के लिए रो रही है। बचाव काम में लगे एक कर्मी ने कहा कि, कि ये 10 साल की लड़की लगातार रोते हुए चिल्ला रही है 'मुझे बाहर निकालो'। मलवे के नीचे से लड़की की रोने की आवाज सुनकर बचाव का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। बच्ची लगातार बेहोश की अवस्था जैसी हालत में पानी मांग रही है। दीवार के एक छोटे से हिस्से को काटने का प्रयास जारी है। जिससे लड़की को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।
घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि, तेज आवाज के साथ जब दीवार गिरी तो लगा जैसे सुनामी आ गई हो। एक स्थानीय ने कहा कि, कई घंटो की बारिश का पानी भर गया था। जिससे दीवार पर भारी दवाब बन गया था। जिसके चलते दीवार ढह गई। इसी बीच घटनास्थल पर लोगों के बीच दीवार के स्वामित्व को लेकर बात करते भी सुना गया है। जहां कुछ लोग कह रहे थे कि,दीवार वन विभाग की है, तो वहीं कुछ लोगों का कहना था कि, दीवार बीएमसी की है, जबकि कुछ ने कहा कि ऑटो प्रमुख महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इसे बनाया था।
इस तबाही की कुछ लोग 2013 की उत्तराखंड के केदारनाथ में आई भयानक त्रासदी से कर रहे हैं। जिसमें 5500 लोग मारे गए थे। शहर के अधिकांश इलाकों को गंदा पानी बहा रहा है। बता दें कि भारी बारिश के बाद मलाड के कुरार इलाके में दीवार गिरने से हुए हादसे में मरने वालों की तादाद 18 पहुंच चुकी है। वहीं, 60 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों का जोगेश्वरी के ट्रॉमा केयर हॉस्पिटल, केईएम हॉस्पिटल, कांदीवली के शताब्दी हॉस्पिटल, मलाड के एमडब्ल्यू देसाई हॉस्पिटल और अंधेरी के कूपर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
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