इस कानून के लागू होने पर डॉक्टर से मारपीट करना पड़ेगा भारी, होगी 10 साल की सजा और लगेगा 5 लाख का जुर्माना
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमले के बाद एक बार उनकी सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पिछले शनिवार को सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लेकर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने को कहा। हर्षवर्धन ने अपनी चिट्ठी में इंडियन मेडिकल एसोशिएन के एक ड्राफ्ट को भी जोड़कर भेजा है। अगर ये कानून लागू हो जाता है तो डॉक्टरों के साथ मारपीट करने पर कड़ी सजा मिल सकती है।
डॉक्टर से मारपीट पर होगी 10 साल की सजा
इंडियन मेडिकल एसोशिएन के 2017 के ड्राफ्ट के मुताबिक डॉक्टरों से मारपीट करने पर 10 साल की सजा और 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस ड्राफ्ट में केंद्रीय मंत्रालय से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्र से कानून बनाने की मांग की गई थी। कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज की घटना को देखते हुए इस फिर से उठाया गया है। हालांकि आईएमए फिलहाल इस अपराध के लिए सात साल की जेल की मांग कर रहा है।
क्या है ये मसौदा
आईएमए द्वारा ये मसौदा साल 2017 में मंत्राय को सौंपा गया था। इस मसौदे में कानून के कड़े प्रावधान है। यह मसौदा डॉक्टरों के खिलाफ मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना को हिंसा के तौर पर वर्गीकृत करता है। ये मसौदा ना केवल अस्पतालों और उनके आसपास 50 मीटर के दायरे को कवर करता है, बल्कि डॉक्टरों को घर पर भी सुरक्षा मुहैया कराता है। यह मसौदा सजा के अलावा ये भी निर्धारित करता है कि किसी भी तरह की संपत्ति के नुकसान के मामले में अपराधी को क्षतिग्रस्त संपत्ति के मुआवजे के रूप में दोगुनी कीमत चुकानी होगी।
हर्षवर्धन ने दिया आईएमए का हवाला
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने लैटर में केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र का हवाला दिया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्य सरकारों को सुझाव देता है, जिनके पास डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं है, वो आईपीसी/सीआरपीसी के तहत डॉक्टरों को सुरक्षा देने वाले कानून सख्ती से लागू करें।
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