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करतारपुर कॉरिडोर के बारे में 10 सवाल-10 जवाब

भारत और पाकिस्तान में चर्चित करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खुलने वाला है. इसे लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हो चुका है और कई सांसद, विधायक व मंत्री करतारपुर जाने वाले पहले जत्थे का हिस्सा बनने जा रहे हैं. पहले जत्थे में पंजाब के विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्रियों में हरसिमरत कौर व हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे. 

By BBC News हिन्दी
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करतारपुर साहिब
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करतारपुर साहिब

भारत और पाकिस्तान में चर्चित करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खुलने वाला है. इसे लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हो चुका है और कई सांसद, विधायक व मंत्री करतारपुर जाने वाले पहले जत्थे का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

दोनों देशों के बीच हुए समझौते में भारतीय पासपोर्ट धारकों एवं ओसीआई (भारतीय विदेशी नागरिकता) कार्ड धारकों के लिए वीज़ा मुक्त यात्रा, भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए रावी नदी के डूबे क्षेत्र पर पुल निर्माण और रोज़ाना कम से कम पाँच हज़ार श्रद्धालुओं को दर्शन की इजाज़त शामिल है.

पहले जत्थे में पंजाब के विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्रियों में हरसिमरत कौर व हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस पहले जत्थे की अगुवाई करेंगे.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की तरफ़ से और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पाकिस्तान की तरफ़ से कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे.

करतारपुर कॉरिडोर पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को करतारपुर स्थित दरबार साहेब से जोड़ेगा. इससे पहले लोगों को वीज़ा लेकर लाहौर के रास्ते दरबार साहेब जाना पड़ता था जो एक लंबा रास्ता था.

अब दोनों देशों के लोगों को इस यात्रा के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी.

लंबे समय से सिख करतारपुर कॉरिडोर की मांग करते रहे हैं ताकि तीर्थयात्री दरबार साहेब दर्शन के लिए जा सकें.

दरबार साहेब करतारपुर
BBC
दरबार साहेब करतारपुर

पिछले साल भारत और पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर की नीव रखी थी. इसे लेकर दोनों देशों के बीच कुछ विवाद भी हुआ और दोनों ने अपनी-अपनी शर्तें सामने रखीं थी. अंत में दोनों देश एक समझौते पर पहुंच गए.

अब जैसे-जैसे कॉरिडोर खुलने की तारीख़ नज़दीक आ रही है तो लोगों के बीच भी चर्चा बढ़ गई है. पढ़िए करतारपुर साहेब से जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब -

TWITTER/@IMRANKHANPTI

करतारपुर कॉरिडोर कब खुल रहा है?

कॉरिडोर 9 नवंबर, 2019 को खुलेगा.

क्या करतारपुर कॉरिडोर वीज़ा मुक्त है?

करतारपुर कॉरिडोर के लिए कोई वीज़ा नहीं है.

यहां जाने की फीस क्या है?

ये 20 डॉलर है. जो लोग 9 और 12 नवंबर को जाएंगे उन्हें फीस का भुगतान नहीं करना होगा. 12 नवंबर को 550वीं गुरुनानक जयंती है.

20 डॉलर रुपये में कितने होते हैं?

लगभग 1400 रुपये.

क्या आपको पासपोर्ट ले जाने की ज़रूरत है?

यह करतारपुर कॉरिडोर के लिए ऑनलाइन आवेदन के दौरान ज़रूरी है. अब पाकिस्तानी पीएम इमरान ख़ान ने घोषणा की है कि पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं है और सिर्फ़ वैध पहचान पत्र लाना होगा.

करतारपुर कॉरिडोर को किसने फंड किया है?

दोनों सरकारों ने अपनी-अपनी तरफ़ से इसमें फंड दिया है.

आप करतारपुर कैसे जा सकते हैं?

आप ऑनलाइन पंजीकरण के लिए ये वेबसाइट https://prakashpurb550.mha.gov.in/ देख सकते हैं.

डेरा बाबा नानक से दरबार साहेब करतारपुर तक की दूरी कितनी है?

दोनों के बीच दूरी 4.6 किमी. है.

आप अपने पंजीकरण की ताजा जानकारी कहां देख सकते हैं?

आपको पंजीकरण के बाद नोटिफिकेशन प्राप्त होगा. इसके अलावा आप गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर भी देख सकते हैं.

क्या अनिवासी भारतीय (एनआरआई)भी करतारपुर कॉरिडोर से जा सकते हैं?

जिस व्यक्ति के पास ओसीआई कार्ड है वो करतारपुर कॉरिडोर से जा सकता है. अन्य लोगों को वीज़ा के लए आवेदन करना होगा.

GURPREET CHAWLA/BBC

क्यों अहम है ये जगह

सोमवार को होने वाले कार्यक्रम को भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के लिए अहम माना जा रहा है.

करतारपुर साहिब पाकिस्तान में आता है लेकिन इसकी भारत से दूरी महज़ साढ़े चार किलोमीटर है.

अब तक कुछ श्रद्धालु दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते रहे हैं. ये काम बीएसएफ़ की निगरानी में होता है.

श्रद्धालु यहां आकर दूरबीन से सीमा पार मौजूद करतापुर साहेब के दर्शन करते हैं.

मान्यताओं के मुताबिक़, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक 1522 में करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आख़िरी 18 साल यहीं गुज़ारे थे.

माना जाता है कि करतारपुर में जिस जगह गुरु नानक देव का देहावसान हुआ था वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था.

तीर्थयात्री
AFP
तीर्थयात्री

दोनों देशों के बीच समझौते में क्या है

  • कोई भी भारतीय किसी भी धर्म या मज़हब को मानने वाला हो. उसे इस यात्रा के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी.
  • यात्रियों के लिए पासपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवेल ऑथराइजेशन (ईटीए) की ज़रूरत होगी.
  • ये कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा.
  • भारतीय विदेश मंत्रालय यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की लिस्ट 10 दिन पहले पाकिस्तान को देगा.
  • हर श्रद्धालु को 20 डॉलर यानि क़रीब 1400 रुपये देने होंगे.
  • एक दिन में पाँच हज़ार लोग इस कॉरिडोर के ज़रिए दर्शन के लिए जा सकेंगे.
  • अभी अस्थाई पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है और आने वाले वक्त में एक स्थाई पुल बनाया जाएगा.
  • श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये पोर्टल गुरुवार से शुरु हो चुका है. आवेदकों के मेल और मैसेज के ज़रिए चार दिन पहले उनके आवेदन के कन्फ़र्मेशन की जानकारी दी जाएगी.
BBC Hindi
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English summary
10 questions-10 answers about Kartarpur corridor
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