लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, गरीब सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को दी मंजूरी
नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया है कि अब सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। संविधान में संशोधन के जरिए सरकार आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। माना जा रहा है कि मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है।
मोदी सरकार का बड़ा दांव
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण के मुद्दे पर बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव पर सरकार ने मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद आरक्षण का कोटा 49.5 फीसदी से बढ़कर 59.5 फीसदी हो जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट में तय किया गया है कि यह आरक्षण शिक्षा और नौकरी में दिया जाएगा। केंद्र सरकार इससे जुड़े संशोधन को मंगलवार को संसद के पटल पेश करेगी।
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गरीब सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी
दरअसल काफी समय से ये मांग की जा रही थी कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण दिया जाएग। आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। जानकारी के मुताबिक सरकार गरीब सवर्णों को आरक्षण के इस नए प्लान को लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। माना जा रहा है कि सरकार संविधान संशोधन के जरिए इस कदम को पूरा करने की कोशिश करेगी। फिलहाल आरक्षण का कोटा 49.5 फीसदी है, जिसे सूत्रों के मुताबिक 10 फीसदी बढ़ाकर 59.5 फीसदी किया जाएगा।
कोटा बढ़ाने के लिए क्या होगा सरकार का प्लान
सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें इसका फायदा मिलेगा। फिलहाल केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। हालांकि आरक्षण का कोटा बढ़ाने को लेकर उनकी राह थोड़ी कठिन हो सकती है क्योंकि संविधान संशोधन में सरकार को बाकी दलों के भी साथ की जरूरत होगी। देखना होगा दूसरे दल इस मुद्दे पर क्या फैसला करेंगे।
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हरीश रावत बोले- "बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते"
मोदी कैबिनेट के इस फैसले पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि "बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते"। जब चुनाव आता है तभी ऐसे फैसले लिए जाते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो क्या करते हैं, क्या 'जुमले' देते हैं, इस सरकार को कोई नहीं बचा सकता है।