सर्वे: मोदी सरकार के ये तीन बड़े फैसले लोकसभा चुनाव में दे सकते हैं चौंकाने वाले परिणाम
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही तमाम सर्वे सामने आ रहे हैं। सीएसडीएस-लोकनीति ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले, ऐसा ही सर्वे किया है जिसमें कई पहलुओं को शामिल किया गया था। चुनाव पूर्व किए गए इस सर्वे के मुताबिक, 7 जनवरी से 26 फरवरी के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीन फैसले दोबारा इनकी सत्ता में वापसी करा सकते हैं। ये सर्वे सीएसडीएस-लोकनीति-तिरंगा टीवी-द हिंदू और दैनिक भास्कर द्वारा किया गया है।
पीएम पद की पहली पसंद हैं नरेंद्र मोदी- सर्वे
इस सर्वे के मुताबिक, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद बने हुए हैं। जबकि 7 जनवरी को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण देने का निर्णय, 1 फरवरी को पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को पैसा हस्तांतरित करने और फरवरी के आखिरी सप्ताह में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के भीतर हवाई हमले का फैसला काफी असरदार रहा है। सर्वे के मुताबिक, 43% लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का समर्थन किया, जो लोकनीति द्वारा 2014 में किए गए सर्वे की गई तुलना में सात अंक अधिक रहा। लोकनीति ने मई, 2018 में जो सर्वे किया था, उसमें पीएम मोदी को 34 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री की पसंद बताया था।
ये भी पढ़ें: आडवाणी-जोशी का टिकट काटे जाने पर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?
पीएम मोदी की लोकप्रियता में इजाफा
पीएम मोदी की लोकप्रियता में ये इजाफा साल 2018 के अंत में बीजेपी की तीन हिंदी-भाषी राज्यों में हार के बावजूद दर्ज किया गया है। इस सर्वे के मुताबिक, 24 फीसदी लोगों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए पसंदीदा उम्मीदवार बताया है। जबकि मायावती को 3 फीसदी और ममता बनर्जी को 2 फीसदी लोगों ने पीएम पद का पंसदीदा उम्मीदवार माना है।
पढ़ें लोकसभा चुनाव की विस्तृत कवरेज
पीएम किसान योजना का मिल सकता है मोदी सरकार को लाभ
वहीं, यह पूछे जाने पर कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा क्या होगा, पांच में से एक ने बेरोजगारी जबकि 6 में से एक व्यक्ति ने विकास को प्रमुख चुनावी मुद्दा बताया। केवल 2 फीसदी लोगों ने ये माना कि राष्ट्रीय सुरक्षा और बालाकोट में एयर स्ट्राइक ही एक मात्र चुनावी मुद्दा होगा। इसके अलावा केवल 3 फीसदी लोगों ने ये कहा कि आरक्षण उनके लिए एकमात्र चुनावी मुद्दा होगा। सर्वे के अन्य आंकड़ों से पता चलता है कि मोदी सरकार के तीनों निर्णयों ने लोगों को प्रभावित किया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर भी चर्चा
5 में से 4 लोगों को बालाकोट स्ट्राइक के बारे में पढ़ते-सुनते पाए गए और इनके बीच अगले प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को लेकर वरीयता 46% थी। दूसरी तरफ, जो लोग बालाकोट स्ट्राइक से अवगत नहीं थे, उनके बीच नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता 32% थी। यह अंतर दक्षिण भारत सहित देश के अन्य हिस्सो में देखा जा सकता है। दक्षिण भारत में नरेंद्र मोदी अन्य क्षेत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय हैं।
10 फीसदी आरक्षण को लेकर भी बढ़ा पीएम मोदी की वरीयता का ग्राफ
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण के बारे में सुनने वालों के बीच नरेंद्र मोदी की वरीयता 47 फीसदी रही। जबकि सवर्ण आरक्षण के बारे मे ना सुनने वालों के बीच नरेंद्र मोदी की वरीयता 37 फीसदी रही। पीएम-किसान योजना के तहत बैंक खाते में सम्मान राशि पाने वाले किसानों के बीच पीएम मोदी की वरीयता 54 फीसदी रही और राहुल गांधी की वरीयता 22 फीसदी रही। जबकि जिनको सम्मान राशि प्राप्त नहीं हुई है, उनके बीच पीएम मोदी की वरीयता 42 फीसदी और राहुल गांधी की वरीयता 27 फीसदी रही है।