PPF में इन्वेस्ट करने से पहले जरूर जानें ये 10 खात बातें
नई दिल्ली। पीपीएफ यानी Public Provident Fund, न केवल आपको बचत बल्कि टैक्स में भी छूट दिलाता है। भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए इस सेविंग स्कीम की शुरुआत 1968 में की थी। इस सेविंग स्कीम के तहत आपको शुरुआत से लेकर अंत तक, आपको कहीं भी, कभी भी कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन लंबी अवधि के इस सेविंग स्कीम के बारे में अभी भी बहुत सी बातें हैं जो लोग नहीं जानते है। अगर आप पीपीएफ में इंवेंट करने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी है। आइए आपको पीपीएफ से जुड़ी 10 बातों के बारे में बता रहे हैं जो इस सेविंग से जुड़ने में आपकी मदद करेगी।
पीपीएफ की मैच्योरिटी
आपको
बता
दें
कि
पीपीएफ
की
मैच्योरिटी
की
अवधि
थोड़ी
लंबी
है।
दरअसल
इस
सेविंग
स्कीम
में
आपके
टैक्स
की
बचत
होती
है,
जिसकी
वजह
से
इसकी
लॉक-इन
की
अवधि
लंबी
होती
है।
पीपीएफ
की
मैच्योरिटी
15
साल
की
है।
हालांकि
आप
जरूरत
पड़ने
पर
पीपीएफ
खाते
से
लोन
ले
सकते
है।
वहीं
आपको
पीपीएफ
से
आंशिक
तौर
पर
पैसा
विड्रॉल
करने
की
सुविधा
भी
मिलती
है।
कितना मिलेगा ब्याज
मौजूदा वक्त में सरकार की ओर से पीपीएफ खाते में 8.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इस ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है। इसकी गणना हर महीने की 5 तारीख से लेकर आखिरी दिन के बीच मिनिमम बैलेंस के आधार पर की जाती है। ऐसे में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की पीपीएफ में शुरूआती महीने में निवेश करना चाहिए।
पीपीएफ खाते की क्षमता
सरकारी
की
सेविंग
स्कीम
पीपीएफ
खाते
में
हर
साल
1.5
लाख
का
निवेश
किया
जा
सकता
है।
जबकि
सालाना
कम
से
कम
500
रुपए
का
निवेश
कर
अपने
खाते
को
सक्रिय
रख
सकते
हैं।
आपको
बता
दें
कि
पीपीएफ
खाते
में
निवेश
करना
बेहद
सुरक्षित
है,
क्योंकि
इस
खाते
में
मूल
राशि
और
मिलने
वाले
ब्याज
को
भारत
सरकार
सुनिश्चित
करती
है।
टैक्स में फायदा
अगर
आप
पीपीएफ
में
निवेश
करते
हैं
तो
आपको
टैक्स
में
फायदा
मिलता
है।
पीपीएफ
एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट
कैटेगरी
में
टैक्स
फ्री
होता
है।
आप
इस
निवेश
पर
कर
मुक्त
का
फायदा
उठाते
हैं।
न
केवल
ये
रकम
टैक्स
फ्री
होती
है
बल्कि
इसपर
मिलने
वाला
ब्याज
भी
टैक्सफ्री
होता
है
और
तो
और
मैच्योरिटी
अमाउंट
भी
टैक्स
के
दायरे
से
बाहर
होती
है।
कब कब निकाल सकते हैं पैसा
पीपीएफ खाते की मैच्युरिटी 15 साल की होती है। लेकिन आप इस खाते से समय समय पर पैसे निकाल सकते हैं। पहली निकासी अकाउंट खोलने के 7 साल बाद कर सकते है। इस दौरान आप 4 सालों में जमा राशि का 50 फीसदी तक की रकम निकाल सकते है। आपको बता दें कि एक वित्तीय वर्ष में आप पीपीएफ से सिर्फ एक बार आंशिक निकासी कर सकते हैं।
कब खाता कर सकते हैं बंद
वैसे
तो
पीपीएफ
खाते
को
जितना
लंबा
चलाया
जाए
उतना
फायदा
होता
है।
लेकिन
मैच्युरिटी
से
पहले
अगर
आप
इस
खाते
को
बंद
करना
चाहते
हैं
तो
इसके
लिए
विशेष
स्थिति
होती
है।
मैच्युरिटी
से
पहले
खास
स्थितियों
में
ही
इसे
बंद
किया
जा
सकता
है।
किसी
गंभीर
बीमारी
की
स्थिति
में
या
बच्चों
की
उच्च
शिक्षा
के
लिए
पीपीएफ
अकाउंट
जिसे
खोले
हुए
पांच
साल
हो
चुके
हों
को
बंद
किया
जा
सकता
है।
बीच में बंद करने का नुकसान
अगर
आप
आपका
खाता
किसी
कारणवश
बीच
में
भी
बंद
करते
हैं
तो
आपको
नुकसान
उठाना
पड़ता
है।
15
साल
पूरा
होने
से
पहले
अगर
आप
खाता
बंद
करवाते
हैं
तो
इसके
लिए
आपको
1
फीसदी
का
ब्याज
बतौर
पेनल्टी
उस
ब्याज
दर
पर
चुकानी
पड़ती
है।
समय-समय पर लोन की सुविधा
आप
अपने
पीपीएफ
खाते
से
लोन
ले
सकते
है।
इसके
लिए
आपको
पीपीएफ
पर
मिल
रहे
ब्याज
दर
से
2
प्रतिशत
अधिक
का
ब्याज
चुकाना
पड़ता
है
और
लोन
ली
गई
रकम
को
ब्याज
से
साथ
24
महीनों
के
भीतर
चुकाना
होता
है।
आप
अपने
खाते
में
जमा
राशि
का
25
फीसदी
तक
की
रकम
लोन
के
तौर
पर
ले
सकते
है।
कैसे बढ़ा सकते हैं लिमिट
अगर
आप
अपने
पीपीएफ
खाते
की
लिमिट
बढ़ाना
चाहते
हैं
तो
15
साल
का
वक्त
पूरा
होने
के
बाद
आप
इसे
5-5
साल
का
एक्सटेंशन
कर
सकते
है।
हर
एक्सटेंशन
के
लिए
आपको
आवेदन
देना
होगा।
मैच्युरिटी से पहले अगर खाताधारक की हो जाए मौत
अगर
किसी
पीपीएफ
खाताधारक
की
मृत्यु
मैच्युरिटी
से
पहले
हो
जाती
है
तो
उस
अकाउंट
को
बंद
किया
जा
सकता
है।
उस
खाते
की
पूरी
जमा
राशि
उसके
नॉमिनी
को
दे
दी
जाती
है।
अगर
उसका
खाताधारक
का
कोई
नॉमिनी
न
हो
तो
पूरी
रकम
उसके
उत्तराधिकारी
को
दे
दी
जाएगी।