10 राज्यपालों का पूरा होने वाला है कार्यकाल, ये नेता हैं रेस में
नई दिल्ली- आने वाले कुछ महीनों में 10 राज्यों के गवर्नरों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इन सबकी नियुक्ति पीएम मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल की शुरुआती महीनों में की थी। इनमें से कई गवर्नर अब काफी उम्रदराज हो चुके हैं। माना जा रहा है कि उनकी जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाली बैठे बीजेपी के कुछ नेताओं को राज्यपाल बनने का मौका दे सकते हैं। इनमें से तो कुछ भाजपा के बड़े कद्दावर नेता भी हैं, जिन्हें इसबार या तो ढलती उम्र के चलते चुनाव लड़ने का टिकट नहीं दिया गया या फिर उन्होंने अपनी खराब सेहत के कारण चुनावी राजनीति से दूर रहने का फैसला किया।
जुलाई में 4 राज्यपालों का पूरा होगा कार्यकाल
इस साल जुलाई से दिसंबर में जिन 10 गवर्नरों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें नगालैंड, गुजरात, यूपी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल शामिल हैं। इन सभी राज्यपालों का मौजूदा कार्यकाल अगले महीने की अलग-अलग तारीखों को खत्म हो रहा है। पीएम मोदी ने मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद पांच राज्यपालों की नियुक्ति की थी। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री राम नाइक को यूपी, ओपी कोहली को गुजरात, केसरीनाथ त्रिपाठी को पश्चिम बंगाल, बलराम दास टंडन को छत्तीसगढ़ और पद्मनाभ आचार्य को नगालैंड का राज्यपाल बनाया गया था। इनमें से गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली का कार्यकाल 15 जुलाई, नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य का 19 जुलाई, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक का 21 जुलाई और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का 5 साल का कार्यकाल 23 जुलाई को पूरा हो रहा है। जबकि, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टंडन का पिछले साल अगस्त में निधन हो गया था। उनकी जगह अभी मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार देख रही हैं।
ये नेता हैं गवर्नर की रेस में
माना जा रहा है कि ज्यादा उम्र के मद्देनजर कई मौजूदा राज्यपालों की छुट्टी की जा सकती है। हालांकि, कुछ ऐसे भी हो सकते हैं, जिन्हें एक और कार्यकाल के लिए राज्यपाल बने रहने का मौका मिल जाय। बहरहाल, अभी जिन राज्यों के राज्यपालों के लिए नामों के कयास लगाए जा रहे हैं उनमें नगालैंड, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के गवर्नरों का ही है। इन राज्यों के गवर्नरों के लिए जिन बीजेपी नेताओं का नाम रेस में आगे बताया जा रहा है, वे हैं- पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, करिया मुंडा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी और बंडारू दत्तात्रेय। हो सकता है कि इनमें से जिन लोगों को अभी मौका न मिले, उन्हें दिसंबर तक पांच और राज्यपालों का कार्यकाल पूरा होने पर सेट किया जा सकता है।
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सितंबर तक 4 राज्यपालों का पूरा होगा कार्यकाल
इसी साल अगस्त और सितंबर महीने में चार और राज्यपालों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव का कार्यकाल 30 अगस्त तक, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा का 31 अगस्त तक, कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला का 1 सितंबर तक और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का 4 सितंबर तक है। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस पी सदाशिवम 5 सितंबर को केरल के राज्यपाल के पद से मुक्त हो रहे हैं।
दिसंबर में पूरा हो रहा है नरसिम्हन का कार्यकाल
आंध्रप्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन का कार्यकाल भी इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। वे पिछले 10 साल से राज्यपाल हैं। नरसिम्हन यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त अकेले राज्यपाल हैं, जो अभी तक अपने पद पर तैनात हैं। अब देखने वाली बात है कि मोदी सरकार उन्हें अभी एक और कार्यकाल देती है या उनकी सेवाएं इसी साल खत्म हो जाएगी।
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