1947 में जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान जाना चाहता तो चला जाता, लेकिन ऐसा कियाः फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पिछले वर्ष अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष राज्य का दर्जा छीनने के निर्णय पर तंज कसते हुए शुक्रवार को नेशनल कांग्रेस नेता उमर अब्दुल्ला ने सरकार से पूछा है कि जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य कहां हैं? उन्होंने आगे जोड़ते कहा कि 1 साल 3 महीने इस तरह की परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए काफी लंबा समय होता है।
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के निर्णय का गलत बताते हुए कहा, हम हमेशा कहेंगे कि यह गलत धारणा के तहत विशेष राज्य के दर्जे को हटाया गया। यह गलत धारणा है कि 370 और 35A हटने से जम्मू-कश्मीर सभी समस्याओं को हल जाएगा। यह जम्मू-कश्मीर के लिए उठाया गया सबसे बड़ा गलत कदम है। हम अपनी भूमि पर सुरक्षित नहीं हैं।
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बकौल उमर अब्दुला, वो कहते हैं कि अनुच्छेद 370 और 35A हटाने से भारतीय प्रशासन से परेशान लोगों को देश के बाकी हिस्सों में पूरी तरह से आत्मसात किया जाएगा, लेकिन मैं विश्वास के साथ कहना चाहूंगा कि इसके द्वारा लोग पहले से भी अधिक अलग-थलग हो गए हैं।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के खिलाफ लड़ाई में अगुआ नेशनल कांफ्रेस चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान जाना चाहता था, तो उन्होंने 1947 में ऐसा किया, जिसे कोई भी रोक नहीं सकता था, लेकिन हमारा राष्ट्र महात्मा गांधी का भारत है, बीजेपी का भारत नहीं।
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गौरतलब है गत 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के तहत मिले विशेष राज्य के दर्जे को छीन लिया था और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित राज्यों को पुनर्गठन किया था, जिसको वापस लाने के लिए कश्मीर के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर आंदोलनरत हैं।
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