500-1000 के पुराने नोटों पर मोदी सरकार का ये है रुख
नई दिल्ली। कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार की तरफ से पुराने नोट जमा करने के लिए एक और मौका दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे लेकर मोदी सरकार से कहा था कि केन्द्र सरकार की तरफ से उन लोगों को अपने पुराने नोट जमा करने का एक और मौका दिया जाना चाहिए, तो लोग जायज कारणों के चलते अपने पुराने नोट बैंकों में जमा नहीं करा पाए।
अब मोदी सरकार की तरफ से इसे लेकर यह साफ कर दिया गया है कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बदलने का एक और मौका नहीं दिया जाएगा, क्योंकि ऐसा करने से नोटबंदी का मकसद ही खत्म हो सकता है। 5 जुलाई को नोटबंदी के मामले पर आखिरी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा था कि अगर कोई वास्तविक कारणों की वजह से अपनी पुरानी करंसी जमा नहीं कर पाया है तो उसे मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा ता कि आप उसके पैसे नहीं छीन सकते यह उसकी कमाई है। हालांकि, अब केन्द्र सरकार ने दूसरा मौका देने से साफ मना कर दिया है।
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आपको बता दें कि 8 नवंबर की रात को पीएम मोदी की तरफ से नोटबंदी की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया था। सरकार की तरफ से इन नोटों को बदलने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया गया था। इन पुराने नोटों के बदले सरकार ने 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। सरकार ने यह कदम कालेधन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया था।