जगन मोहन रेड्डी और चंद्रशेखर राव के साथ आने से चंद्रबाबू नायडू का हो सकता है फायदा
हैदराबाद: राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव के फेडरल फ्रंट के प्रस्ताव को वाईएसआर प्रमुख जगन मोहन रेड्डी का समर्थन मिल सकता है। लेकिन इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के लोंगो के केसीआर के प्रति जो नकारात्मक धारणा है उससे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगूदेशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के लिए जगह बन सकती है और आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी टीडीपी को इसका फायदा मिल सकता है।
दरअसल आंध्र प्रदेश के लोगों को लगता है कि केसीआर ने उनके राज्य के हित प्रभावित किए हैं। बुधवार को केसीआर के लड़के केटी रामाराव की अगुवाई वाले टीआरएस प्रतिनिधिमंडल ने जगन मोहन रेड्डी ने उनके आवास लोटस पोंड पर मुलाकात की थी। रामाराव के मुताबिक इस मुलाकात में एनडीए और यूपीए के विकल्प के रुप में फेडरल फ्रंट को मिलकर मजबूत करने को लेकर बात हुई।
रामाराव ने कहा कि मुलाकात में दोनों राज्यों के अधिकारों के लिए लिए साथ लड़ने और एक समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर फेडरल फ्रंट को आगे बढाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना के सीएम केसीआर जगन के साथ अगले दौर की वार्ता के लिए जल्द ही आंध्र प्रदेश आएंगे।
मीडिया को संबोधित करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने फेडरल फ्रंट बनाने के लिए केसीआर की पहल का स्वागत किया और कहा कि राज्यों के अधिकारों के लिए एक नेशनल प्लेटफॉर्म बनाने की ज़रूरत है। राजनीतिक विश्लेषक लक्ष्मीनारायण थुंगा ने कहा कि जगन का केसीआर से हाथ मिलाना उनके लिए प्रतिकूल हो सकता है। आंध्र प्रदेश के लोग राजनीति में बदलती स्थितियां और टीआरएस और वाईएसआर के बीच समझौते को एक समग्र नजरिए से देखेंगे। इसमें वो राज्यो को विशेष दर्जा देने और सिंचाई परियोजनों के मुद्दो पर टीआरएस के स्टैंड पर नजर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों को लगता है कि भाजपा ने राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने के मुद्दे पर उनके साथ विश्वासघात किया है और वो फेडरल फ्रंट को भाजपा की बी टीम के रुप में देखते हैं, जिसकी जगन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। टीलाकापल्ली रवि का मानना है कि इससे केवल नायडू को फायदा होगा।
चंद्र बाबू नायडू इसके बहाने राज्य के लोगों की भावना को भड़का सकते हैं जैसा कि हाल में तेलंगाना में केसीआर ने उनके खिलाफ किया था। टीआरएस की कोशिश है कि वो आंध्र में जगन मोहन को फायदा पहुंचाए लेकिन वे जगन के लिए ये विपरीत हो सकता है और नायडू को सत्ता-विरोधी लहर से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।