ऐसा मंदिर जहां मरने और मारने के लिए आते हैं श्रद्धालु
हैदराबाद। मंदिर आस्था और श्रद्धा का स्थल है। लोग यहां भक्तिमय होकर भगवान के दर्शन करते है। लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहां लोग मरने मारने के लिए आते है। आंध्र प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु पूरी तरह से तैयार होकर मरने और मारने के लिए आते हैं।
हर साल यहां ये त्यौहार मनाया जाता है। दशहरे की रात को ये विशेष पूजा की जाती है। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के देवरागट्टू मंदिर में हजारों लोग लाठियों लेकर आते हैं और एक दूसरे के सिर पर मारते हैं। इस त्योंहार को बन्नी फेस्टिवल कहा जाता है।
दशहरे की आधी रात को पहाड़ी पर स्थित मंदिर से मलम्मा और मल्लेश्वर स्वामी की मूर्तियां नीचे लाई जाती है तब ये परंपरा शुरू होती है। इस त्यौहार में ज्यादातर किसान शामिल होेते हैं । इस मंदिर का नियम ये है जब तक खून से कपड़े लाल न हो जाए वो वहां से नहीं जाते है।
ये लड़ाई सुबह तक चलता रहता है। दोनों ओर से लड़ाई चलती रहती है। इस दौरान मेडिकल टीम और डॉक्टर इलाज के लिए मौजूद रहते हैं। इस दौरान कई लोगों के सिर पर फट जातेे हैं लेकिन इलाज के बजाय लोग केवल हल्दी लगाकर चले जाते हैं।