हनीप्रीत के परिवार ने उड़ाई कानून की धज्जियां, VIP नंबर कार से गए जेल, पुलिस के पास नहीं है रिकॉर्ड
नई दिल्लीः हनीप्रीत का परिवार गुरुवार को उससे अम्बाला सेंट्रल जेल मिलने पहुंचा। हनीप्रीत का परिवार सफेद रंग की वीआईपी नंबर वाली कार से गया। लेकिन अब इस मुलाकात पर सवाल उठ रहे हैं। जिस कार से हनीप्रीत का परिवार जेल में गया था उस कार का कोई रिकॉर्ड जेल प्रशासन के पास नहीं है। एचआर-26-एटी-0024 नंबर की सफेद कार से हनीप्रीत का परिवार जेल में गया था।
नहीं मिला कार का कोई रिकॉर्ड
विवाद इतना ही नहीं है। इस कार पर ब्लैक फिल्म भी चढ़ी थी। इस पर मामला बढ़ गया है। अम्बाला के ट्रैफिक विंग इंचार्ज सोमेशकुमार ने कहा है कि पुलिस के सॉफ्टवेयर में यह नंबर अपडेट नहीं है। चेक करने पर नंबर नोट फाउंड दिखा रहा है। किसी भी कार को काली फिल्म लगाने की परमिशन नहीं है। अगर इस तरह से कार जेल परिसर में दाखिल होती है तो यह सुरक्षा में छेद है। इस पर जांच की जाएगी।
सफेद रंग से जेल गया था हनीप्रीत का परिवार
सफेद रंग की कार सीधा सेंट्रल जेल के मुख्य गेट को क्रॉस करती हुए अम्बाला जेल परिसर में पहुंची। लेकिन वीआईपी नंबर की किसी भी कार का जेल में जाने का कोई रिकॉर्ड अम्बाला पुलिस के किसी भी सॉफ्टवेयर में मौजूद नहीं है। बता दें, गुरुवार को हनीप्रीत का भाई साहिल तनेजा, भाभी सोनाली, बहन नीशू जीजा सचित बजाज सफेद रंग की कार से सेंट्रल जेल पहुंचे। कहा जा रहा है कि इन लोगों को जेल में वीआईपी ट्रिटमेंट दिया गया।
पुलिस के पास दो सॉफ्टवेयर होते हैं
बता दें, पुलिस के पास दो सॉफ्टवेयर होते हैं- पहला कैच एंड मैच का सॉफ्टवेयर, इसके जरिए पुलिस चोरी के वाहनों का पता करने के लिए करती है। गाड़ी का नंबर डालते ही सारी जानकारी मालिक रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी तक पहुंच जाती है। पूरे राज्य में यही सिस्टम काम करता है।
वीआईपी नंबर को ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी जारी करती है
0001 से लेकर 0100 तक नंबर को वीआईपी नंबर कहा जाता है, इन नंबरों को अमूमन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी जारी करती है। इन सभी नंबरों का रिकॉर्ड आरटीए के पास होता है। हरियाणा में इस तरह का नंबर चंडीगढ़ से जारी किया जाता है।
मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने दिया कार्रवाई का भरोसा
इस विवाद पर बोलते हुए हरियाणा के परिवहन कारागार मंत्री कृष्ण लाल पंवार का कहना है कि हनीप्रीत से मिलने पहुंचे परिजनों की गाड़ी को जेल के अंदर ले जाने के मामले की शिकायत मिली है। इस तरह से जेल के अंदर किसी की भी गाड़ी नहीं जा सकती। जेल मैनुअल में ऐसा नियम नहीं है। यह गंभीर मामला है। इसकी जांच करवाई जा रही है। जो भी जेल अधिकारी इसमें दोषी मिलेगा उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
काम नहीं आ रहा कंडोम: बांग्लादेश में रोहिंग्याओं की होगी नसबंदी, सरकार बना रही योजना