प्यार करने वालों के लिए खुद की दे दी थी कुर्बानी, आज उन्हीं के नाम पर मनाया जाता है वैलेंटाइन्स डे
शिमला। 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन-डे पर पहाड़ों की रानी शिमला में आज के खास दिन के लिए इलाके के तमाम गिफ्ट सेंटर इसके रंग में रंग गए हैं। वैलेंटाइन-डे का जादू आजकल युवाओं के सिर चढक़र बोल रहा है। जिसके चलते बाजार भी गिफ्ट सेंटरों से सजे हैं। शिमला के इन सेंटर पर युवा कार्ड और गिफ्ट खरीदने में युवा व्यस्त हैं। वेलेंटाइन-डे के गिफ्ट यहां 50 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक उपलब्ध हैं, तो कार्ड की रेंज 50 से 500 रुपए तक है। इसके अलावा फ्रेश फूल गुलाब स्टिक व बुके की तैयारी भी पूरी हो गई है। कई गिफ्ट सेंटर मालिकों ने तो 1000 रुपए के ऊपर का गिफ्ट लेने वाले ग्राहक को एक उपहार फ्री देने का भी आफर दिया है। क्या आप जानते हैं कि आखिर वैलेंटाइन्स डे मनाया क्यों जाता है?
संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है वैलेंटाइन्स डे
वैलेंटाइन डे के इतिहास के मुताबिक तीसरी शताब्दी में रोम में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। सम्राट के अनुसार विवाह करने से पुरूषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। इसी विश्वास पर उसने आदेश जारी करवा दिये कि उसका कोई सैनिक और अधिकारी विवाह नहीं करेगा। उनका मानना था कि जवान लड़के शादीशुदा लडकों की तुलना में ज्यादा ताकतवर होते हैं, लेकिन संत वैलेंटाइन ने इस कानून का विरोध किया। उन्होंने चुपके से सैनिकों और अधिकारियों की शादी करवानी शुरू कर दी। सम्राट को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करवा लिया और फांसी की सजा सुना दी गई।
स्पष्ट साक्ष्य नहीं उपलब्ध
यह भी कहा जाता है कि जेल में संत वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को अपनी आंखें देकर उसके जीवन में फिर से रोशनी ला दी थी। यह भी कहा जाता है कि लड़की के ठीक हो जाने के बाद संत वैलेंटाइल और उसमें मित्रता हो गई, जो आगे बढ़कर प्रेम संबंध में तब्दील हो गई। संत वेलेंटाइन ने उस युवती को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें लिखा था कि तुम्हारा वैलेंटाइन। आखिरकार सम्राट क्लॉडियस ने 14 फरवरी 269 को संत वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा। कहा जाता है कि उस दिन के बाद से ही संत वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन्स डे मनाया जाने लगा है। हालांकि अभी भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि आखिरकार वैलेंटाइन डे की शुरूआत कहां से हुई।
औपचारिक रूप से 11 वैलेंटाइन दिनों को मिली है मान्यता
कई शुरूआत क्रिश्चियन शहीदों के नाम वेलेंटाइन बताए गए हैं। 1969 तक कैथोलिक चर्च ने औपचारिक रूप से 11 वैलेंटाइन दिनों को मान्यता दी हुई है। 14 फरवरी को सम्मानित वेलेंटाइन हैं रोम के वेलेटाइन और टेर्नी के वलेंतुनिस। रोम के वैलेंटाइन की बात करें तो उन्हें 269 में शहादत मिली और वाया फ्लेमिनिया में उन्हें दफनाया गया। टेरनी के वलेंतुनिस 197 में बिपश बने और कहा जाता है कि औरेलियन सम्राट के उत्पीडऩ के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। कैथेलिक कोष में तीसरे वेलेंटाइन का भी जिक्र है, जिनकी शहादत का दिन भी 14 फरवरी माना जाता है। उनकी शहादत अफ्रीका में अपने कई साथियों के साख हुई, लेकिन उनके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चल सका।
प्यार के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है वैलेंटाइन्स-डे
इसके साथ ही वैलेंटाइन डे मनाने के पीछे दो बातें भी काफी प्रचलित हैं। पहली यह कि इस दिन की शुरूआत प्राचीन पगन फेस्टिवल के बाद हुई थी, जिसके प्रारंभ को चर्च से जोड़ कर भी माना जाता है। मध्यकाल के यूरोपवासियों की मान्यता के अनुसार, 14 फरवरी के दिन से ही पक्षी प्रेमपूर्वक आपस में मिलना शुरू करते हैं। इसलिए इस दिन को प्यार के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है, हालांकि वैज्ञानिक आधार पर इसे सही नहीं माना जाता।