हिमाचल: भाजपा को जय राम ठाकुर को ही क्यों चुनना पड़ा सीएम, पढ़िए वजहें
शिमला। हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे जय राम ठाकुर आखिर धूमल खेमे के दबाव के बावजूद कुर्सी की दौड़ में आगे आ गये। धूमल व नड्डा के बीच चल रही कशमकश के चलते पार्टी नेतृत्व के पास भी कोई ऐसा विकल्प नहीं था जो जय राम ठाकुर की जगह फिट बैठता हो।
हिमाचल में 37 फीसदी राजपूत
अंदरूनी राजनीति पर गौर करें तो जातिगत समीकरणों के हिसाब से राजपूत समुदाय हिमाचल में सबसे ज्यादा 37 फीसदी हैं। इसी हिसाब से जयराम के नाम पर मुहर लगना एक वजह रही। वहीं प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय 18 फीसदी है। धूमल की हार के बाद पार्टी में राजपूत समुदाय के वोटरों में नाराजगी का भय बना व लगने लगा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में इसका गलत असर न पड़े जिससे जेपी नड्डा सीएम की रेस में आगे तो आये लेकिन उन्हें फिर पीछे भी हटना पड़ा।
आरएसएस पर अच्छी पकड़
जय राम ठाकुर की भाजपा हाईकमान से लेकर आरएसएस में भी अच्छी पकड़ है। उनको बड़ा ओहदा देने की बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनावी रैलियों के दौरान मंडी में पहले से ही कर चुके थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि जब चुनाव से ऐन पहले प्रेम कुमार धूमल को पार्टी ने सीएम के चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया तो अंदरखाने जेपी नड्डा ने भी जय राम ठाकुर को आगे लाने की मुहिम शुरू कर दी थी।
जय राम की छवि बेदाग
दरअसल जय राम के ऊपर आज तक कोई भी आरोप नहीं लगा है। उनकी छवि बिलकुल बेदाग रही है। उनके मुख्यमंत्री बनने को लेकर यह भी प्रमुख वजह मानी जा रही है। भाजपा की पिछली सरकार में जयराम ठाकुर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने पूरे प्रदेश का विकास कराया है। कई योजनाएं उन्होंने लोगों के लिए चलाई हैं जिससे उनकी पकड़ जनता के बीच और मजबूत हुई है। वहीं भाजपा ने मुख्यमंत्री बनने के लिए उम्र का दायरा तय किया है, उसी हिसाब से जयराम बिलकुल फिट बैठते हैं। उनकी उम्र 70 वर्ष से कम है।
पांचवीं बार बने विधायक
जयराम ठाकुर लगातार पांचवीं बार सिराज विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने हैं। इससे उनकी भाजपा में पकड़ काफी मजबूत है। मंडी जिला ने इस बार प्रदेश की भाजपा सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया है। जिला की दस सीटों में से मंडी जिला ने भाजपा को नौ सीटें दी हैं। इसी हिसाब से मंडी का प्रतिशत 90 फीसदी बैठता है जबकि एक सीट जो निर्दलीय ने जीती है, उसने भी भाजपा का ही समर्थन किया है। जाहिर है पार्टी ने लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जय राम ठाकुर को ही बेहतर उम्मीदवार माना। चूंकि पार्टी हमीरपुर में धूमल व सत्ती की हार के चलते बुरी तरह पिटी है।
राज्यपाल ने जय राम ठाकुर को दिया सरकार बनाने का निमंत्रण
इस बीच राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नामित मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश में सरकार का गठन करने के लिए निमंत्रण दिया। इससे पूर्व, भाजपा अध्यक्ष श्री सतपाल सिंह सत्ती तथा भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए श्री जय राम ठाकुर ने भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं सहित राज्यपाल आचार्य देवव्रत से राजभवन शिमला में भेंट की। उन्होंने राज्यपाल को सरकार के गठन से सम्बन्धित पत्र प्रस्तुत किया।
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