कौन बनेगा कांग्रेस विधायक दल का नेता, वीरभद्र की डिनर पार्टी में नहीं पहुंचे सुक्खू
शिमला। शिमला के सर्द मौसम में बर्फबारी के बावजूद सियासी तापमान एकाएक बढ़ गया है एक और भाजपा में अगली सरकार के लिये माथापच्ची हो रही है,तो दूसरी कांग्रेस पार्टी में भी विधायक दल का नेता बनने को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है। कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग से ठीक एक दिन बीती रात मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सभी कांग्रेस विधायकों को अपने आवास होलीलॉज में डिनर कराया। बताया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह की इस डिनर डिप्लोमेसी में जीत कर आए 21 में से एक दर्जन के करीब विधायक ही पहुंचे। होलीलॉज में दिए गए रात्रि भोज से पहले वीरभद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर विस्तार से विधायकों के साथ चर्चा की। इस दौरान अधिकतर विधायकों ने वीरभद्र सिंह को ही यह कमान संभालने की बात कही।
वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं नवनिर्वाचित विधायक ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू वीरभद्र सिंह के डिनर में नहीं पहुंचे जबकि नवनिर्वाचित विधायक मुकेश अग्रिहोत्री, राजेंद्र राणा, आशा कुमारी, सुजान सिंह पठानिया, जगत सिंह नेगी, मोहन लाल ब्राक्टा, नंदलाल, विनय कुमार व विक्रमादित्य सिंह सहित अन्य एम.एल.ए. डिनर में पहुंंचे। सूचना के अनुसार हर्षवर्धन चौहान भी डिनर में नहीं पहुंचे। चौहान ने बताया कि अपनी व्यस्तताओं के चलते वह आज शिमला नहीं आ पाए और इस बारे उन्होंने वीरभद्र सिंह को पहले ही सूचित कर दिया था। कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुक्रवार को होनी है। इसमें मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष का चयन किया जाना है। देखा जाए तो कांग्रेस विधायक दल का नेता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को चुना जाना तय माना जा रहा है। इसका मुख्य कारण वीरभद्र समर्थक विधायकों की संख्या होना अधिक है। इस बार कांग्रेस के 68 सीटों में 21 विधायक जीतकर कर आए हैं और इनमें 3 से 4 को छोडक़र अन्य वीरभद्र सिंह के ही समर्थक हैं, ऐसे में उनकी नेता प्रतिपक्ष बनने की राह आसान है।
कांग्र्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें डिनर के संबंध में कोई फोन नहीं आया है। उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को शिमला पहुंचेंगे और कांग्रेस विधायक दल और पार्टी की एक अन्य बैठक में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में सुशील कुमार शिंदे भी मौजूद रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर वीरभद्र विरोधी गुट भी सक्रिय हो गया। सूत्रों के अनुसार, वीरभद्र विरोधी खेमा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को यह कमान सौंपने के लिए अंदरखाने लॉबिंग कर रहा है। माना जा रहा है कि इसी के चलते कुछ विधायक वीरभद्र सिंह के डिनर में नहीं पहुंचे। वीरभद्र सिंह के लिए सुखद बात यह भी है कि पार्टी के भीतर ही उनका विरोध करने वाले कई वरिष्ठ नेता इस विधानसभा चुनावों में धराशायी हो गए हैं। इनमें मुख्य रूप से मंत्री कौल सिंह और जी.एस. बाली शामिल हैं। इसके साथ ही मंत्री विद्या स्टोक्स ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा है। वीरभद्र सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और उनके पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव है जिसको देखते हुए भी पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकती है।
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