दर्दनाक वीडियो: स्कूल बस के दरवाजे में फंसा बैग, 5 साल की बच्ची को 10 मीटर घसीटता ले गया ड्राइवर
शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राईवेट स्कूल बच्चों की सुरक्षा के प्रति सरकारी दावों के विपरीत अभी भी कोई खास गंभीरता नहीं दिखा पा रहे हैं। सरकार नूरपुर बस हादसे में हुई बच्चों की मौत के बाद प्राईवेट स्कूलों पर शिकंजा तो कस रही है। लेकिन स्कूल अभी भी सुरक्षा मानकों को अपनाने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला प्रदेश के ऊना नगर का है,जहां स्कूल की बस पांच साल की स्कूली बच्ची को अपनी चपेट में लेकर करीब 10 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। गनीमत रही कि बस रूक गई नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। इस हादसे में मासूम बच्ची के शरीर पर काफी खरोंचें आई हैं, जिसका ऊना के अस्पताल में इलाज करवाया गया है। फिलहाल मामले को लेकर परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद ऊना के एसपी दिवाकर शर्मा ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही यातायात पुलिस को बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
बताया जा रहा है कि ऊना के रक्कड़ कलोनी के माऊंट कार्मल स्कूल की बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोडने जा रही थी। बस में सवार यूकेजी की पांच वर्षीय छात्रा भी सवार थी। ऊना-अंब रोड पर सब्जी मंडी से आगे बस रुकी, जिसमें बच्ची उतर गई। लेकिन बच्ची के स्कूल बैग की पट्टी बस के दरवाजे में फंस गई चालक और परिचालक ने बिना कुछ देखे बस को आगे बढ़ा दिया। जिसके कारण मासूम छात्रा बस की चपेट में आ गई और छात्रा करीब 10 मीटर तक घसीटते हुए आगे चली गई। इसके बाद बस ड्राइवर ने ब्रेक लगाई और अटेंडेंट ने बच्ची को बस के नीचे से निकाला। हैरानी की बात है कि चालक ने भी जल्दबाजी करते हुए बच्ची को बस से कुछ दूर जाने तक भी समय नहीं दिया। हादसे में बच्ची को खरोंचे आई हैं। अब सवाल यह है कि अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता। इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। मामले को लेकर अभिभावकों ने अभी तक कोई शिकायत नहीं करवाई है, लेकिन एसपी ने अपने स्तर पर जांच के निर्देश दिए हैं। एसएचओ सदर थाना सर्वजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने वीडियो के आधार पर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
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