Himachal Pradesh: भारी बारिश और भूस्खलन के बीच एक और बड़ा संकट झेल रहा है शिमला
शिमला, 1 अगस्त: पूरा हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी से बहुत ज्यादा बारिश और उसके चलते होने वाले भूस्खलन की घटनाओं के कारण परेशान है। पिछले दिनों से राज्य के कई इलाकों में पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी बिगड़े मौसम का सामना कर रहे हैं। लेकिन, मौसम की इस त्रासदी के बीच शिमला शहर के लोगों और सैलानियों को एक और संकट से दो-चार होना पड़ रहा है। वह चारों तरफ पानी के बीच हैं, लेकिन उनके सामने पीने के पानी की मुश्किल आ रही है। क्योंकि, पानी के स्रोत गाद से भर गए हैं और उनको बड़े पैमाने पर फिल्टर करके नियमित सप्लाई में बाधा आ रही है।
भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से आफत
पूरा हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश की वजह से होने वाली अनेकों परेशानियों से जूझ रहा है। कहीं लैंडस्लाइड की वजह से भयावह स्थिति बनी है, तो कहीं लोगों के घर धाराशायी हो चुके हैं। राजधानी शिमला के आसपास से भी एक से बढ़कर एक भयानक तबाही के मंजर सामने आ चुके हैं। भूस्खलन में कहीं गाड़ियां जमीनदोज हो गई हैं तो कहीं तेज बहाव वाहनों को ही बहा कर ले गए हैं। कहीं-कहीं तो पूरी सड़कें ही भूस्खलन की वजह से गायब हो चुकी हैं।
भारी बारिश के बीच शिमला में जल संकट
भारी बारिश के चलते प्रदेश की कई नदियों और नालों में बाढ़ आई हुई है, जिससे जगह-जगह सैकड़ों पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की जान संकट में है। लेकिन, चारों तरफ भारी बारिश की वजह से होने वाली मुसीबतों के बीच शिमला के लोगों में पीने के पाने के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ की वजह से नदियां गाद और गंदगी से भर गई हैं, जिससे शिमला बीते करीब दो हफ्तों से भारी जल संकट झेल रहा है। इसके चलते शिमला म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
नदियों में गाद की वजह से आ रही है समस्या
शहर में पानी की सप्लाई के लिए शिमला जल प्रधान निगम जिम्मेदार है और उसके एडिश्नल जेनरल मैनेजर राजेश कश्यप ने माना है कि नदी स्रोतों की वजह से समस्या आ रही है। उन्होंने कहा है, 'हर मानसून में हमारे सामने बहुत ज्यादा गाद और मटमैलेपन की समस्या आती है। यह पानी की पंपिंग और प्राकृतिक स्रोतों और सहायक नदियों से इसकी सफाई पर भी उल्टा असर डालता है। हमने शहर के सभी क्षेत्रों में पानी का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए कुछ दिनों के लिए राशनिंग का प्रस्ताव दिया है।'
10 से 12 एमएलडी तक सप्लाई में कमी
इस
साल
गर्मियों
में
निगम
की
ओर
से
पूरे
शहर
में
करीब
42
से
44
एमएलडी
पानी
की
सप्लाई
की
जा
रही
थी।
लॉकडाउन
और
पर्यटकों
की
गैरमौजूदगी
के
चलते
पहले
के
मुकाबले
मांग
भी
ज्यादा
नहीं
थी।
होटलों
और
रेस्टोरेंट
में
भी
खपत
नहीं
हो
रही
थी।
लेकिन,
इस
समय
गाद
के
चलते
पानी
की
उपलब्धता
10
से
12
एमएलडी
तक
कम
हो
गई
है।
कई
दिन
तो
सिर्फ
32
एमएलडी
ही
सप्लाई
हो
पाई
है।
जबकि
स्रोत
में
पानी
की
कोई
कमी
नहीं
है,
लेकिन
गाद
के
चलते
उसका
इस्तेमाल
कर
पाने
में
दिक्कत
हो
रही
है।
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एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई पर विचार
शिमला के मेयर सत्या कौंडल ने भी माना है कि जल संकट के चलते लोगों को दिक्कत हो रही है। उन्होंने भरोसा दिया है कि इस परेशानी को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि निवासियों को कम से कम एक दिन छोड़कर पानी की पूरी सप्लाई मिल जाए। गौरतलब है कि 2018 में भी अंग्रेजों के जमाने के इस शहर में जबर्दस्त जल संकट आया था और इसमें हाई कोर्ट को दखल देना पड़ गया था। (जल संकट से जुड़ी तस्वीरें-फाइल)