हिमाचल: सीएम की खोज में RSS भी कूदा, क्या फिर आएगा चौंकाने वाला नाम?
शिमला। हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिये पांचवीं बार जीत कर आये जय राम ठाकुर पर बन रही सहमति के बावजूद भाजपा अपने पत्ते नहीं खोल रही है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगले मुख्यमंत्री की घोषणा भाजपा संसदीय बोर्ड ही करेगा जिससे मामला अभी भी पेचीदा बना हुआ है। भाजपा नेताओं की अब सांसे अटकी हैं व नजरें दिल्ली की ओर हैं। यहां घटे महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत पार्टी आलाकमान ने न केवल विधायकों के नेतृत्व के मामले पर दी गई राय को यहां पहुंचे केन्द्रीय पर्यवेक्षकों को सार्वजनिक न करने का निर्देश दिया है बल्कि अब संघ भी अगले सीएम के चयन को लेकर बीच में कूद गया है।
भाजपा कोर कमेटी की बैठक
बताया जा रहा है कि संसदीय बोर्ड यह निर्णय शिमला भेजे गए 2 पर्यवेक्षकों, केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की रिपोर्ट के बाद करेगा। यह रिपोर्ट प्रदेश भाजपा कोर कमेटी और वरिष्ठ नेताओं की राय के आधार पर तैयार की जाएगी जिससे संसदीय बोर्ड को अवगत करवाया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भाजपा कोर कमेटी के सदस्यों से देर रात मंत्रणा की। कोर कमेटी के जो सदस्य संसद सत्र के चलते बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए, उनमें से कुछ के आज शिमला पहुंचने की संभावना है। उनके शिमला पहुंचने पर उनकी राय ली जाएगी।
संघ कार्यालय में भी हुई बैठक
इस बीच शुक्रवार को शिमला में दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने संघ कार्यालय में जाकर संघ से भी बैठक की। बताया जा रहा है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर ने शिमला में नाभा स्थित संघ कार्यालय पहुंच कर विधायक दल के चयन को लेकर संघ के नेताओं की राय ली। संघ भी जय राम ठाकुर को अगले सीएम के तौर पर बेहतर कैंडिडेट बता रहा है। इसके बाद भाजपा अब सांसदों की बैठक के बाद विधायक दल की बैठक की औपचारिकता होनी है। उसके बाद मामला दिल्ली शिफ्ट हो जायेगा।
धूमल के नाम पर समर्थकों का हंगामा
अभी तक मुख्यमंत्री पद की रेस में अब तक 5वीं बार विधायक चुनकर आए जयराम ठाकुर का नाम सबसे आगे चल रहा है। हलांकि भाजपा का एक धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद भी उनको मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी कर रहा है लेकिन जिस तरीके से बीती रात धूमल समर्थकों ने हुड़दंग मचाया,उससे धूमल की खूब किरकिरी हुई है। इस बीच खुद प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बनाये जा रहे दवाब पर स्पष्ट किया कि मैंने कभी दौड़ नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि वे अपने आपको सौभाग्यशाली मानते हैं कि लोग उनको चाहते हैं और प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर केंद्रीय नेतृत्व अंतिम निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से विकास कार्य को गति मिलेगी। धूमल ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश में 5 साल के लिए नहीं बल्कि 20 से 25 साल के लिए भाजपा की सरकार बनेगी।
दिल्ली से ही होगी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा
उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षक कोर कमेटी और नेताओं के साथ की गई चर्चा से संसदीय बोर्ड को अवगत कराएंगे। इसके बाद दिल्ली से ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सभी का साथ लेकर भाजपा हिमाचल में आगे बढ़ेगी।
फिर आएगा चौंकाने वाला नाम?
वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भाजपा को हिमाचल प्रदेश में कुछ नेताओं की हार का गम है लेकिन अंतत: यहां से भी राज्य कांग्रेसमुक्त हो गई। उन्होंने कहा कि जो नेता हारे हैं उनकी भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने से सुशासन को बल मिलेगा। वे इस समय अधिक कुछ नहीं कहना चाहतीं लेकिन कोर कमेटी की राय लेने के बाद संसदीय बोर्ड को इससे अवगत कराया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा हिमाचल प्रदेश में सुशासन और योग्य सरकार देगी।
कुल मिलाकर बन रहे राजनैतिक महौल में हिमाचल भाजपा के नेताओं में इस बात को लेकर भी घबराहट है कि कहीं धूमल व नड्डा के बीच चल रही वर्चस्व की लडई में संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित शाह कोई और ही नाम सामने न लेकर आ जायें, जिसकी उन्हें उम्मीद ही न हो।
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