हिमाचल प्रदेश: कई बार ढाहने के बाद बन कर तैयार हो चुका है प्रियंका गांधी का घर, सवालों के घेरे में है संपत्ति
शिमला। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा शिमला के पास छराबड़ा में बन रहे अपने आलीशान भवन को फाईनल टच देने के लिए शिमला पहुंच चुकी हैं। प्रियंका गांधी छराबड़ा में ही एक फाईव सटार होटल में ठहरी हैं। यहां सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। हिमाचल पुलिस के अलावा एसपीजी की सुरक्षा कर्मी भी यहां तैनात हैं। प्रियंका गांधी का पहाड़ी शैली में आलीशान भवन यहां पिछले कई सालों से निर्माणाधीन है। इसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। हालांकि इससे पहले इसे कई बार तोड़ा गया व फिर नए सिरे से बनाया गया। लेकिन अब बिना किसी बदलाव किये प्रियंका गांधी पितृपक्ष से निपटने के बाद अगर सब कुछ सही रहा तो प्रियंका अपने परिवार के साथ नए घर में नवरात्र में गृह प्रवेश करेंगी। इसके लिए तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। जिन्हें अमलीजामा पहनाने के लिए खुद प्रियंका गांधी इन दिनों शिमला में डेरा डाले हैं। उनके साथ उनके भवन के वास्तुकार भी यहां आए हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी पिछले कई साल से अपने आशियाने का निर्माण करवा रही हैं। इस भवन निर्माण की शैली को लेकर दो बार प्रियंका गांधी आपत्ति जता चुकी हैं। दो बार भवन का ढांचा खड़ा कर दिया गया था परंतु यह शैली पसंद न आने पर नए सिरे से मकान तैयार कराया गया है। इस भवन को पहाड़ी शैली में तैयार किया गया है। इस मकान की छत पर हिमाचली स्लेटों की छत तैयार कराई है। इसके अलावा भवन निर्माण के लिए लकड़ी का इस्तेमाल काफी किया है।
प्रियंका गांधी वाड्रा के भवन का निर्माण ठीक राष्ट्रपति निवास रिट्रीट के पास हो रहा है। कुछ साल पहले पसंद नहीं आने पर प्रियंका अपने निर्माणाधीन मकान की दो मंजिलों को गिरा भी चुकी हैं। इस मकान के निर्माण का उन्होंने शुरू से ही बारीकी से खुद मुआयना किया है। कई बार उनकी मां सोनिया गांधी भी उनके साथ यहां आ चुकी हैं। यह निर्माण पिछले साल उस समय सुर्खियों में आ गया था, जब शिमला के विधायक भारद्वाज ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में मांग की थी ,कि जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांधी के भवन निर्माण कार्य की अनुमति को तुरंत रद्द किया जाए और निर्माण कार्य पर भी अविलंब रोक लगाई जाए।
विधायक भारद्वाज ने सेवानिवृत्त नेवल अफसर कमांडर देविंद्रजीत सिंह का हवाला देते हुए कहा कि 24 अगस्त 2002 में उन्होंने इस वीवीआईपी क्षेत्र में कॉटेज बनाने के लिए 16 बिस्वा जमीन खरीदी, लेकिन उन्हें इस स्थान पर सुरक्षा का हवाला देते हुए निर्माण की इजाजत नहीं दी गई थी। इसके बाद नेवी अफसर देविंद्रजीत सिंह ने इस जमीन को बेच दिया था। प्रियंका वाड्रा ने यह प्लॉट 2007 में खरीदा था। भाजपा विधायक ने सवाल किया था कि इस अति महत्वपूर्ण रिट्रीट के संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण पर जब पाबंदी है, तो रिट्रीट से महज 100 मीटर दूर और कल्याणी हेलीपैड से महज 200 मीटर दूरी होने के बावजूद प्रियंका वाड्रा को किस आधार पर यहां भवन निर्माण की अनुमति दी गई है? उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा कि प्रियंका को 4 हजार वर्ग मीटर जगह खरीदने की अनुमति उन्हें एसपीजी स्टेटस के चलते दी गई है।
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