धोनी को लेकर हिमाचल की सियासत में मचा घमासान, राजनीति ने पकड़ा जोर
शिमला। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर हिमाचल में सियासी महौल गरमा गया है। सत्ता पक्ष व विपक्ष धोनी को लेकर आमने सामने हैं। दरअसल, सत्तारूढ़ दल भाजपा ने एक बैंक के विज्ञापन की शूटिंग के सिलसिले में शिमला आए धोनी के प्रवास के दौरान उन्हें स्टेट गैस्ट बनाया है। कांग्रेस को यह सब रास नहीं आ रहा। कांग्रेस जहां कायदे कानूनों का हवाला दे रही है तो वहीं भाजपा अपने फैसले को सही करार दे रही है। धोनी इन दिनों शिमला में एक बैंक के विज्ञापन की शूटिंग कर रहे हैं। उनके साथ अभिनेता पंकज कपूर भी हैं। धोनी के साथ उनकी पत्नी और बेटी भी शिमला में हैं।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि धोनी निजी काम से शिमला आए हैं, ऐसे में उन्हें स्टेट गेस्ट बनाए जाने पर सवाल पूछे जाएंगे। सिंह ने कहा कि देश के लिए नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर मेडल लाने वाले कई खिलाड़ी अक्सर हिमाचल दौरे पर आते हैं, लेकिन उन्हें प्रदेश सरकार स्टेट गेस्ट का दर्जा नहीं देती। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'केवल पैसे वाले खिलाड़ियों को ही राज्य अतिथि का दर्जा नहीं देना चाहिए। देश और प्रदेश के लिए मेडल लाने वाले खिलाडियों को भी सम्मान दें'। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके लिए तुरंत नियम भी बनाने की मांग की है।
उधर, कांग्रेस के निशाने पर आई भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी है। प्रदेश के खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार धोनी का कोई खर्चा नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि धोनी चूंकि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं, इस नाते सम्मान के लिए उन्हें स्टेट गेस्ट बनाया गया है। ठाकुर ने कहा कि उन्हें सुरक्षा भी दी गई है लेकिन कांग्रेस इस मामले में बेवजह राजनीति कर रही है।
धोनी के राज्य अतिथि बनाने पर पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और मौजूदा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने खुशी जताते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं। धोनी भारत के सफलतम खिलाडियों में से एक हैं। उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा देना अच्छी बात है। अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस सरकार ने खेलों को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस ने खिलाड़ियों को प्रताड़ित और अपमान के अलावा कुछ नहीं दिया।
दिलचस्प बात यह है कि धोनी को 27 से 31 अगस्त तक स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में इस बात का जिक्र नहीं है कि सरकार ही उनके रहने और खाने-पीने का खर्च भी उठाएगी। केवल सरकार की ओर से धोनी को एक एस्कॉर्ट दी गई है। धोनी अपनी पत्नी के साथ सरकारी होटल नहीं, बल्कि छराबड़ा में निजी होटल 'वाइल्डफ्लावर हॉल'में ठहरे हुए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में मामले को इस तरह से उठाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इस तरह के गैर-जरूरी विषयों को राजनीतिक मंशा से उठाने पर विपक्ष को लताड़ भी लगाई। उन्होंने सदन को बताया कि धोनी पर सरकार ने किसी तरह का खर्चा नहीं किया और ना ही धोनी ने ऐसी कोई मांग सरकार के पास रखी है। ऐसे में केवल राजनीति करने के लिए देश के महान खिलाड़ी की छवि को खराब करना उचित नहीं है। सरकार ने केवल धोनी को सुरक्षा कारणों से राज्य अतिथि बनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के सेलिब्रिटी का शिमला या हिमाचल पर्यटन स्थलों पर आना प्रदेश के पर्यटन स्थलों को दुनिया के मानचित्र पर लाने जैसा है। लेकिन विपक्ष द्वारा ऐसे बेवजह मामलों को तूल देने से हिमाचल की छवि खराब होती है।
ये है नियम
हिमाचल प्रदेश के नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के जज, सीएम, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल स्टेट गेस्ट बनने के पात्र हैं। दूसरी कैटेगिरी के अनुसार, केंद्रीय आयोगों और बोर्डों के प्रेजिडेंट भी स्टेट गेस्ट हो सकते हैं। तीसरी कैटेगरी में आधिकारिक यात्रा पर आए वीवीआईपी और वीआईपी सरकारी मेहमान बनाए जा सकते हैं।