प्रेम कुमार धूमल: सुजानपुर से हारे
नई दिल्ली। भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल पर ही एक बार फिर से दांव लगाया था। कांग्रेस के प्रत्याशी राजिंदर रैना ने भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को 2933 मतों के अंतर से हराया। 73 साल के प्रेम कुमार धूमल दो बार 1998 से मार्च 2003 तक (बीजेपी-हिमाचल विकास कांग्रेस गठबंधन) और दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लंबे समय से हिमाचल की राजनिति पर पकड़ रखने वाले धूमल राज्य में जातिय समीकरणों को अन्य किसी की अपेक्षा आसानी से सुलझा सकते हैं।
प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल 1944 में गांव समीरपुर जिला हमीरपुर में हुआ था। धूमल की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल भगवाड़ा में हुई और मैट्रिक डीएवी हाई स्कूल टौणी देवी, जिला हमीरपुर में। 1970 में इन्होंने दोआबा कालेज जालंधर में एमए इंग्लिश में टॉप किया। इसके बाद वे पंजाब, विश्वविद्यालय (जालंधर) में प्रवक्ता बन गए। धूमल ने नौकरी करते हुए इन्होंने एलएलबी किया।
धूमल ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1984 में की। 1984 में धूमल ने पहली बार लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में वह हमीरपुर सीट से जीत गए। 1991 में एक बार फिर हमीरपुर की लोकसभा सीट से चुने गए। लेकिन धूमल को 1996 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
फिर 1998 के विधानसभा चुनावों में बमसन क्षेत्र से जीतकर प्रदेश में भाजपा-हिविंका गठबंधन के मार्च 1998 से मार्च 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। फिलहाल वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा की हमीरपुर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब हमीरपुर से उनके पुत्र अनुराग ठाकुर सांसद हैं। वह भाजपा युवा मोर्चा और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं।