दिल्ली, यूपी और हरियाणा समेत 6 राज्यों में खत्म होगा जल संकट, लखवाड़ डैम प्रोजेक्ट पर हुआ समझौता
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में यमुना जलाश्य में 4000 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली मल्टी प्रपोज प्रोजेक्ट (एमपीपी) लखवाड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए। देहरादून के पास यमुना पर बहुउद्देश्यीय लखवाड़ परियोजना के निर्माण के लिए नितिन गडकरी की उपस्थिति में 6 राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश) के मुख्यमंत्रियों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। परियोजना का खर्च 90 फीसदी केंद्र सरकार देगी जबकि 10 फीसदी हिस्सा राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से 6 राज्यों की पानी की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी।
लखवार बहुद्देशीय परियोजना के लिए यमुना नदी पर 330 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) की स्टोरेज तथा 330 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले 204 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया जाएगा। परियोजना से 33,780 हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की व्यवस्था होगी और 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा। 79 एमसीएम स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जो 6 राज्यों में पानी की कमी से निजात दिलाने में मददगार होगी। इससे गैर-मानसून के दौरान यमुना नदी के प्रवाह में 65 प्रतिशत की वृद्धि और 34,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचाई के तहत आएगा।
परियोजना का निर्माण उत्तराखंड सरकार द्वारा 54 माह के भीतर किया जाएगा तथा परियोजना के कार्यों की निगरानी अप्पर यमुना नदी बोर्ड द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को हिस्से में रूप में 3.15 प्रतिशत पानी मिलेगा और तदानुसार परियोजना के जल घटक का राज्य हिस्से के रूप में 8 करोड़ रुपये का योगदान करेगा।
उन्होंने कहा कि यमुना नदी तथा इसकी सहायक नदियों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में आने वाली टोंस और गिरि नदी पर कुल तीन मुख्य भण्डारण परियोजनाओं का निर्माण प्रस्तावित है जिसमें 330 एमसीएम लाइव स्टोरेज की बहुद्देशीय लखवार परियोजना, टोंस नदी से 300 मेगावॉट बिजली उत्पादन और हिमाचल प्रदेश में 498 एमसीएम लाइव भण्डारण वाली हिमाचल प्रदेश की रेणुका परियोजना तथा गिरी नदी पर 40 मेगावॉट बिजली उत्पादन परियेजनाएं शिमल हैं। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।