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CBSE Paper Leak में पैसों का लेनदेन? क्राइम ब्रांच जांच करने फिर पहुंची ऊना

By Rajeevkumar Singh
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शिमला। सीबीएसई पेपर लीक कांड की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने एक बार फिर ऊना में डेरा डाला है। जांच दल यहां डीएवी स्कूल के अलावा यूनियन बैंक व पेपर लीक का फायदा लेने वाली छात्रा से पूछताछ के मकसद से यहां पहुंचा है। पता लगाया जायेगा कि बैंक से पेपर चुराने के बाद तीन दिन तक कहां रखे गये थे। वहीं 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर को लीक करने का मास्टरमाइंड राकेश ने इसके लिये पैसे का लेनदेन तो नहीं किया। इसकी भी जांच की जा रही है।

Money transaction in CBSE Paper leak, crime branch in Himachal again

हलांकि सारे मामले के मास्टरमाइंड राकेश कुमार ने छात्रों की मदद के लिए पेपर लीक करने की बात कबूली है। वहीं अब राकेश कुमार की एक नजदीकी रिश्तेदार पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम कभी भी इस महिला को गिरफ्तार कर सकती है। वहीं एक दल जांच के लिये चंडीगढ़ व फिरोजपुर में भी पहुंचा है। वहां भी इससे जुड़े लोगों से पूछताछ की जायेगी जिससे इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियों की संभावना भी जताई जा रही है।

पेपर लीक मामले में सोमवार को ऊना में महौल गरमाया है। एक ओर जांच दल ने यहां डेरा डाला है,तो दूसरी ओर डी.ए.वी. सैंटेनरी पब्लिक स्कूल ऊना की लोकल मैनेजमैंट कमेटी की बैठक बुलाई गई है। इसमें स्कूल के मैनेजर रविंद्र तलवाड़ के अतिरिक्त रिजनल डायरैक्टर सहित अन्य पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि प्रबंधन समिति देश भर में स्कूल की खराब हुई छवि को लेकर चिंतन करेगी। कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज भी गिराना तय मानी जा रही है। डीएवी प्रबंधन बैठक में तीनों आरोपी कर्मियों को सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

Money transaction in CBSE Paper leak, crime branch in Himachal again

दरअसल, डी.ए.वी. स्कूल के क्लर्क अमित और चपड़ासी अशोक कुमार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने टीचर राकेश शर्मा के साथ पेपर लीक के मामले में नामजद कर गिरफ्तार किया है। पकड़े गए डी.ए.वी. सैंटेनरी पब्लिक स्कूल के पी.जी.टी. राकेश शर्मा की ड्यूटी बतौर सुपरिंटेंडेंट जवाहर नवोदय विद्यालय पेखूबेला में थी। अब इस मामले में दूसरे किरदारों की भूमिका की जांच की जा रही है। सारा मामला कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मामले की जांच के लिये दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक संयुक्त आयुक्त, दो डीसीपी, छह एसीपी व इंस्पैक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी तैनात किये गये हैं।

दिल्ली पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही वजह है कि पिछली बार भी छापेमारी की किसी को भी भनक नहीं लगने दी गई थी। आमतौर पर एक प्रदेश की पुलिस जब दूसरे राज्य में दबिश देती है तो मामले की सूचना पुलिस के उच्चाधिकारियों को दी जाती है। ऊना में एक साथ तीन कर्मचारियों को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उठाकर ले गई लेकिन हिमाचल पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस मामले में खुफिया एजेंसियां भी पूरी तरह से फेल हो गईं। यह एक गंभीर मामला भी माना जा रहा है। आखिर प्रदेश में आई दिल्ली पुलिस ने इसकी सूचना किसी भी अधिकारी को क्यों नहीं दी, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। क्या क्राइम ब्रांच को हिमाचल पुलिस पर भरोसा नहीं था, या मामला कोई और था? नियमों के मुताबिक जब भी किसी आरोपी की धरपकड़, पूछताछ करनी हो या उसे अपने साथ ले जाना हो तो उससे पहले स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना आवश्यक तौर पर दी जानी होती है। एसपी दिवाकर शर्मा ने माना कि दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी गई थी।

सीबीएसई के 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के संतोषगढ़ निवासी मास्टरमाइंड राकेश शर्मा ने अपनी रिश्तेदार के एक बच्चे को पास कराने के चक्कर में पेपर लीक कर दिया। उसने सबसे पहले इसी महिला रिश्तेदार के मोबाइल पर हाथ से लिखे पेपर की एक कॉपी वाट्सएप पर भेजी थी। उस महिला ने ही इसे आगे फार्वर्ड कर दिया। इसके एक दिन बाद ही यह पेपर देश भर में तेजी से वायरल होकर सीबीएसई के दिल्ली मुख्यालय तक पहुंच गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार राकेश ने पहले तो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से चुपके से अर्थशास्त्र के पांच पेपरों का छोटा बंडल उड़ा लिया। बाद में इस पेपर को अपने यहां ट्यूशन पढऩे वाली एक छात्रा को दे दिया। उस छात्रा ने इस पेपर को अपने हाथ से कॉपी किया और राकेश को दे दिया। इसके बाद राकेश ने कॉपी किए हुए हाथ से लिखे पेपर के फोटो खींचे और महिला रिश्तेदार को व्हट्सएप कर दिए। इसी महिला ने इसे आगे औरों को भेज दिया जो पूरे देश भर में वायरल हो गया। राकेश ने यह पेपर परीक्षा से तीन दिन पहले 23 मार्च को लीक कर दिया था। क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने जैसे ही व्हट्सएप मैसेज की जांच की तो पता चल गया कि हाथ से लिखा यह पेपर राकेश के मोबाइल से ही सबसे पहले भेजा गया। बाद मे हाथ से लिखे गए पेपर को वॉट्सएप के जरिए अपनी एक रिश्तेदार को पंजाब के फिरोजपुर भेजा. फिरोजपुर से लीक दिया गया पेपर हरियाणा के पंचकूला में पहुंचा जहां फिरोजपुर की महिला के रिश्तेदार की बेटी 12वीं का छात्रा हैऔर इकोनॉमिक्स का पेपर दे रही थी । पंचकूला से निकलकर लीक किया गया पेपर 40 अलग अलग वॉट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली भी पहुंचा।

बता दें कि सीबीएसई ने पेपर लीक के चलते 12वीं इकोनॉमिक्स और 10वीं गणित का पेपर रद्द कर दिया था. जिसके बाद 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर 25 अप्रैल को फिर से कराने का फैसला किया है. वहीं 10वीं बोर्ड का गणित का पेपर दोबारा नहीं कराया जाएगा।

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English summary
Money transaction in CBSE Paper leak, crime branch in Himachal again.
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