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पंडित सुखराम: मंडी में गुरुवार को होगा पूर्व केंद्रीय मंत्री का अंतिम संस्कार

By विजयेंदर शर्मा, शिमला
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मंडी, 11 मई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व भारत में संचार क्रांति के मसीहा पूर्व केन्द्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम का निधन हो गया। वह 94 साल के थे। उन्होंने दिल्ली में एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उनके निधन पर दुख जताते हुये कहा, हिमाचल प्रदेश के मंडी से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता पंडित सुखराम जी के देहांत की खबर सुनकर दुःखी हूं। राजनीतिक क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा है, जिसे सदैव स्मरण किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार एवं उनके समर्थकों को संबल प्रदान करें। पंडित सुखराम के पार्थिव शरीर को दिल्ली से मंडी लाया जा रहा है। गुरूवार 11 बजे सेरी मंच पर अंतिम दर्शन के लिये रखा जायेगा। और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार होगा।

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Pandit Sukh Ram Demise:पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन | वनइंडिया हिंदी
Last rites of Pandit Sukhram will be performed on Thursday

परिवारिक सूत्रों ने बताया कि बीती रात करीब एक बजे उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में फिर से दिल का दौरा पड़ा और इस कारण उनका निधन हो गया । इससे पहले 9 मई को भी उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें लाइफ स्पोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। आज पंडित सुखराम के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से दिल्ली से मंडी लाया जा रहा है। कल 11 बजे सेरी मंच पर अंतिम दर्शन करवाए जाएंगे और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की सूचना उनके पोते कांग्रेस नेता आश्रय शर्मा ने अपने दादा के साथ बचपन की तस्वीर पोस्ट सोशल मिडिया में साझा करते हुये कहा कि अलविदा दादा जी, अब नहीं बजेगी फोन की घंटी। उन्हें पिछले दिनों ब्रेन स्टरोक हो जाने के बाद इलाज के लिये दिल्ली लाया गया था।

चार मई को मनाली में पंडित सुखराम को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था , जिसके बाद उन्हें जोनल अस्पताल मंडी में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था। 7 मई सुबह 9:30 बजे पंडित सुखराम को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर के माध्यम से दिल्ली ले जाया गया था। जहां एम्स में भर्ती करवाया गया। पंडित सुखराम 94 वर्ष के थे। परिवार के सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज पंडित सुखराम की पार्थिव देह को दिल्ली से मंडी लाया जा रहा है।

गुरुवार सुबह 11 बजे पंडित सुखराम की पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए मंडी शहर के ऐतिहासिक सेरी मंच पर रखा जाएगा। जिसके बाद हनुमान घाट स्थित श्मशान घाट पर उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंडित सुखराम के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सलापड़, सुंदरनगर, नाचन और बल्ह सहित मंडी सदर में बड़ी संख्या में लोग पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचेंगे। प्रदेश समेत देश की राजनीति में सुखराम का प्रभाव रहा है। केंद्र सरकार में सुखराम मंत्री पद पर भी आसीन रहे हैं। प्रदेश और देश में संचार क्रांति के लिए भी उन्हें जाना जाता है।

एक जमाने में भारत में संचार क्रांति लाने का श्रेय पंडित सुख राम को ही जाता है। पंडित सुखराम 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में संचार मंत्री बने थे, लेकिन 1996 में संचार घोटाले में नाम आने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले 1985 से 1989 के बीच स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार में भी पंडित सुखराम फूड एंड सिविल सप्लाई मिनिस्टर रहे। हालांकि केंद्र में दूरसंचार मंत्री रहते हुए सुखराम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और सीबीआई द्वारा छापेमारी के दौरान उनके बंगले से करोड़ों रुपये बरामद किए गए। बाद में आरोप साबित होने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

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1998 का हिमाचल विधानसभा का चुनाव पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाकर लड़ा। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किसी को बहुमत नहीं मिला, जबकि सुखराम की पार्टी फरवरी में हुए चुनाव में 4 सीटें जीती। पंडित सुखराम ने अपने विधायकों के दल बदलने के खतरे से बचने के लिए 3 विधायकों को भाजपा जॉइन करवाकर भाजपा को समर्थन दिया। इस समर्थन से भाजपा की सरकार बनी। बाद में जून में लाहौल स्पीति की सीट पर जब चुनाव हुए तो हिमाचल विकास कांग्रेस ने ये सीट भी जीती। तब इस सीट से जीते रामलाल मार्कंडेय आज भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। सुखराम ने सदर विधानसभा क्षेत्र से 13 बार चुनाव लड़े और हर बार जीत हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा के चुनाव भी लड़े और केंद्र में अलग-अलग मंत्री पद पर आसीन हुए ,1984 में सुखराम ने कांग्रेस के टिकट से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत से जीत कर संसद पहुंचे।

English summary
Last rites of Pandit Sukhram will be performed on Thursday
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