किरण बनीं हिमाचल प्रदेश की पहली ट्रेन ड्राइवर, पिता रहे हैं एसडीएम की कार के ड्राइवर
भवारना (पालमपुर). हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा क्षेत्र के पालमपुर के गांव मसेरना की बेटी किरण ट्रेन की ड्राइवर बनी है। वह अपने प्रदेश की पहली ऐसी युवती है, जो रेलगाड़ी चलाया करेगी। इन दिनों वह कानपुर में रेलगाड़ी चलाने का प्रशिक्षण ले रही है। 25 मार्च को प्रशिक्षण की अवधि समाप्त होने के बाद वह असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में रेलवे विभाग में सेवाएं देगी। किरण के घरवालों के लिए यह बहुत सुखद अनुभव है, क्योंकि अभी तक किरण के पिता ही गाड़ी दौड़ाया करते थे, मगर अब किरण रेलगाड़ी दौड़ाएंगी।
किरण ग्राम पंचायत पुन्नर के मसेरना गांव के राजेंद्र की बेटी हैं। राजेंद्र ने लंबे समय तक एसडीएम पालमपुर के चालक के रूप में सेवाएं दी हैं और अब रिटायर हो गए हैं। राजेंद्र कुमार के कुल 3 संतानें हैं, जिनमें किरण दूसरे नंबर की हैं। बड़ी बेटी की राजेंद्र शादी कर चुके हैं, वहीं छोटी पढ़ाई में होशियार रही। उसकी लगन को देखते हुए शिक्षकों ने उसे इलेक्ट्रॉनिक में डिप्लोमा करने की सलाह दी। जिसके बाद किरण ने कांगड़ा में तीन वर्ष का डिप्लोमा किया। उसके बाद बीटेक करने के लिए पंजाब के लोंगोवाला गईं। वहां से लौटने पर किरण ने रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन किया और लिखित परीक्षा पास की।
किरण को जब साक्षात्कार के लिए बुलाया गया तो अधिकारी उनके जवाबों से संतुष्ट हुए और किरण का चयन हो गया। चयन के बाद किरण का प्रशिक्षण आरंभ हो गया। किरण के पिता कहते हैं कि, किरण आगामी 25 मार्च को अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेंगी। उसके बाद वह ट्रेन की ड्राइवर के रूप में भारतीय रेलवे में सेवाएं देगी। बेटी की सफलता से न सिर्फ घरवाले बल्कि गांव में भी खुशी की लहर है। राजेंद्र कुमार ने बताया कि, 2 बेटियों के अलावा हमारा छोटा बेटा कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।
सुरेखा
हैं
भारत
की
पहली
महिला
ट्रेन
ड्राइवर
देश
में
पहली
रेलगाड़ी
चालक
सुरेखा
यादव
हैं।
वह
वर्ष
1988
में
भारतीय
रेलवे
में
बतौर
ड्राइवर
नियुक्त
हुई
थीं।
उनकी
पहली
तैनाती
महाराष्ट्र
के
छत्रपति
शिवाजी
टर्मिनस
में
हुई
थी।
जबकि
उत्तर
पूर्व
रेलवे
में
सहायक
लोको
पायलट
के
रूप
में
पहली
बार
यह
उपलब्धि
समता
कुमारी
के
नाम
रही
है।
समता
कुमारी
यूपी
से
हैं।
वे
13
जुलाई
2010
को
लखनऊ-गोंडा
पैसेंजर
ट्रेन
की
सहायक
लोको
पायलट
के
तौर
पर
कार्यरत
हुईं।
समता
कुमारी
देश
की
की
पाचवीं
महिला
रेल
चालक
हैं।
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