हिमाचल हादसा: 10 साल के बच्चे की बहादुरी की कहानी जिसने कई और मौतें होने से बचा लीं
कांगड़ा। हादसे में जीवित बचा दस साल का रणवीर सिंह वह बहादुर बच्चा था जिसने कई और जिंदगियों को बचाने में अहम भूमिका अदा की। रणवीर सिंह घायल होते हुए भी पहाड़ी को चढ़ कर सड़क पर पहुंचा और घटना की सूचना स्थानीय लोगों को दी जिसके बाद ही राहत व बचाव कार्य शुरू हो पाया। बच्चों की मौत की दुख के बीच लोगों ने इस बच्चे की बहादुरी को सराहा है।
इसे कुदरत का करिश्मा कहें या किस्मत, नूरपुर में हुए स्कूल बस हादसे में पांचवी कक्षा का छात्र रणबीर हादसे के बाद खुद ही लकड़ी के सहारे सड़क तक आ गया। हालांकि यह छात्र भी इस हादसे में जख्मी हुआ है। लेकिन फिर भी इस छात्र ने हिम्मत नहीं हारी और करीब 200 फीट गहरी खाई से लकड़ियों के सहारे ऊपर आ गया। उपचार के दौरान बच्चे ने बताया कि स्कूल बस के आगे एक बाइक जा रही थी, बस ड्राइवर जब बाइक से पास लेने लगा उसी समय बस अचानक से खाई की ओर लुढ़क गई। छात्र ने बताया कि बस के खाई में गिरने से उसके सीट के पास का कांच टूट गया जिसमें से निकल कर वह बाहर आ गया और लकड़ियों के सहारे सड़क तक पहुंचा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर दुर्घटना में घायल 10 वर्षीय बालक रणवीर की बहादुरी और हौसले की भी सराहना की, जो दुर्घटना स्थल से सड़क तक पहुंचा और लोगों को इस दुर्घटना की सूचना दी। बता दें कि हिमाचल के कांगड़ा जिला के नूरपुर के मलकवाल में सोमवार की शाम साढ़े चार बजे एक निजी स्कूल बस गहरी खाई में गिर गिई। इस हादसे में 23 स्कूली बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई है। बजीर राम सिंह पठानिया मैमोरियल स्कूल की इस बस में छात्र सवार थे और छुट्टी के बाद घर जा रहे थे। ये सभी बच्चे आसपास के गांवों के थे। हादसे में सात बच्चों ने मौके पर दम तोड़ दिया जबकि अन्य की मौत नूरपुर अस्पताल में हुई।
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