मन्नत पूरी होने पर अपने घर पहुंचकर धार्मिक रंग में रंगी कंगना, देखिए तस्वीरें
Himachal News, शिमला। मायानगरी की चकाचौंध से दूर बालीवुड अदकारा कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश स्थित अपने होमटाउन बलद्वारा आई हैं। यहां उन्होंने परिवारिक धार्मिक समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों को उनका जो रूप देखने को मिला, उससे अचंभित हो उठे। कंगना धार्मिक आस्था से ओत-प्रोत नजर आईं।
अंबिका माता का मंदिर कंगना ने ही बनवाया
बता दें कि बलद्वारा मंडी जिले में स्थित है और यहां धबोई इलाके में कुलदेवी के मंदिर में विशेष पूजा समारोह था। कंगना यहीं हिस्सा लेने के लिये पहुंची हैं। उनके परिवारिक सदस्य व रिशतेदार भी यहां जुटे हैं। हालांकि, यहां पूजा पिछले तीन दिनों से चल रही है, लेकिन कंगना आज ही यहां पुहंची हैं। कुलदेवी अंबिका माता का मंदिर कंगना ने ही बनवाया है।
खुद ही कलश अपने सिर पर उठाया
बताया जा रहा है कि अपनी मन्नत पूरी होने पर कंगना ने यहां धार्मिक अनुष्ठान रखवाया है। कंगना ने अपने पिता अमरदीप, माता आशा रणौत, बहन रंगोली और भांजे पृथ्वी राज चंदेल के साथ धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया। यहां रखी गई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। जिसमें इलाके के पंडितों को भी खासकर बुलाया गया है। समारोह शुरू होने से पहले कंगना ने खुद ही कलश अपने सिर पर उठाया व मंदिर तक पहुंची। मंदिर में अभी भजन-कीर्तन का दौर चल रहा है और कंगना भी भजन गाकर मां का गुणगान कर रही हैं। इसके बाद कंगना यज्ञ में भाग लेंगी। मूर्ति प्रतिष्ठापना के बाद लोगों के लिए यहां भंडारे का भी आयोजन भी रखा गया है। कंगना का आज ही मुंबई लौटने का कार्यक्रम है। इस दौरान मंदिर के आसपास पत्रकारों को जाने की ईजाजत नहीं दी जा रही है। पूरा कार्यक्रम पूरी तरह परिवारिक है। हालांकि, मंदिर परिसर के बाहर खासी भीड़ जमा है।
'किसी खान की जरूरत नहीं है'
कंगना ने हाल ही में मनाली के सिमसा में हाल ही में एक आलीशान बंगला बनवाया है। कंगना मूलत: हिमाचल के ही मंडी जिला के भांबला से संबंध रखती हैं। जबकि, मनाली के सिमसा में उन्होंने हाल ही में आलीशान बंगला बनवाया है। मनाली स्थित अपने बंगले का नाम कार्तिकेय निवास रखा हैं।हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के भांवला में जन्मी कंगना रनौत ने 12वीं क्लास में फेल होने के बावजूद यह मुकाम हासिल करने के लिए काफी संघर्ष किया। घर से झगड़ा कर मुंबई पहुंची, कंगना ने कभी सडक़ों पर रातें बिताई थीं। कंगना ने बॉलीवुड में अपने एटिट्यूड से अलग जगह बनाई है। वो एक मात्र ऐसी हीरोइन हैं, जो बॉलीवुड के खान के साथ काम नहीं करना चाहती हैं। कंगना का मानना है कि वो अपने दम पर फिल्में हिट कर सकती हैं। उन्हें किसी खान की जरूरत नहीं।
ऐसे बनीं बॉलीवुड की फीमेल स्टार
मालूम हो कि बॉलीवुड में कंगना एक ऐसी हीरोइन बनकर उभरी हैं, जो बिना हीरो के 100 करोड़ी फिल्में देती हैं। कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को हिमाचल के मंडी जिले के सूरजपुर मे एक राजपूत परिवार में हुआ था। परिवार में उनके अलावा एक बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत भी है। कंगना की माता आशा रनौत एक स्कूल टीचर और पिता एक बिजनेसमैन हैं। कंगना के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन वो 12 क्लास में ही फेल हो गईं थीं। इसके बाद कंगना अपने माता-पिता से झगड़ा कर दिल्ली आ गईं। यहां आकर उन्होंने एक्ट्रेस बनने का फैसला किया लेकिन उनके पास ना रहने को घर था और ना ही पैसे। जैसे-तैसे करके कंगना मुंबई चली गईं और वहां 4 महीने का एक्टिंग कोर्स किया। फिर मुंबई से ही कंगना से क्वीन बनने का उनका सफर शुरू हुआ।
अवॉर्ड जब मिला, सिर्फ 22 साल की थीं
कंगना को अपनी पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट फीमेल डेब्यू का ग्लोबल इंडियन फिल्म अवाड्र्स 2006 में मिला। फिल्म ‘तनु वेड्स मनु' और क्वीन और हाल ही में प्रदर्शित मणिकर्णिका में कंगना की एक्टिंग को काफी सराहा गया। कंगना को अपनी शानदार एक्टिंग के लिए तीन बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड फैशन के लिए मिला था तब वो सिर्फ 22 साल की थीं।