यहां दशहरा में नहीं होता रावण का दहन, 305 देवी-देवता उत्सव में हुए शामिल
शिमला। अपनी दिव्यता के लिये मशहूर कुल्लू अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव आज रघुनाथ जी के रथ को खींचने की रस्म के साथ शुरू हो गया। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने औपचारिक तौर पर दशहरा उत्सव की शुरूआत की। कुल्लू में दशहरा मनाने की अलग ही परंपरा है। यहां देवी-देवताओं को उत्सव में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जाता है। दुनिया भर में मशहूर कुल्लू दशहरे के लिए इस बार 305 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। कुल्लू दशहरे की खास बात ये है कि यहां पर रावण का दहन नहीं होता। मान्यताओं के हिसाब से देवताओं का आमन शुरू हो गया है और हिमाचल का जिला कुल्लु, देव समागम के रूप में तबदील हो चुका है।
कुल 360 देवता है रजिस्टर्ड
कुल्लू प्रशासन हर साल दशहरा उत्सव के लिए स्थानीय देवी देवताओं को निमंत्रण भेजता है। इस उत्सव के लिए 360 देवी देवता रजिस्टर्ड हैं लेकिन इस बार 305 देवताओं को ही निमंत्रण भेजा गया है। धूर विवाद के चलते इस बार भी शृंगा ऋषि और बालू नाग को दशहरे का निमंत्रण नहीं दिया गया है। देवी-देवताओं के रहने-ठहरने का उचित प्रबंध किया गया है और देवताओं के साथ आने वाले देवलुओं के लिए भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव को देखते हुए पुलिस विभाग ने अपनी ओर से तैयारी कर ली है। इस बार पिछले साल के मुकाबले सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम किए जाएंगे और साथ ही कुछ परिवर्तन भी किया गया है ताकि सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर हो सके। इसके अलावा पिछले साल की ही तरह 11 सैक्टर बनाए गए हैं, जिनमें से 2 सैक्टर केवल यातायात को सुचारू रूप से चलाने और यातायात व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करेंगे।
कड़ी सुरक्षा
एस.पी. शालिनी अग्रिहोत्री ने बताया कि इस बार सुरक्षा के लिहाज से लगभग 500 होमगार्ड के जवान और करीब 1200 पुलिस के जवान दशहरा उत्सव के दौरान ड्यूटी देते हुए सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में अपना सहयोग देंगे। एसपी ने बताया कि इस बार सुरक्षा की दृष्टि से 3 जगहों पर नाके लगाए जाएंगे। एक नाका रामशिला में, दूसरा हाथीथान में और तीसरा बजौरा में लगाया जाएगा। इस दौरान 2 नाकों पर लाइव वीडियों रिकार्डिंग की जाएगी जिसे पुलिस के अधिकारी अपने मोबाइल पर लाइव देख पाएंगे। सीसीटीवी के लिए 3 कंट्रोल रूम लगाए गए हैं, जिनमें से एक एसपी आफिस, दूसरा महिला थाना सरवरी और तीसरा भुंतर थाने में लगाया जाएगा और यहां से सभी कैमरों पर निगरानी की जाएगी।
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राज्यपाल ने किया शुभारंभ
दशहरे के पावन अवसर पर जिले और प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति बहुत समृद्ध व अद्वितीय है, जिसकी विश्व भर में अलग पहचान है। प्रदेश में वर्ष भर आयोजित होने वाले मेले और त्यौहार यहां के लोगां की समृद्ध परम्पराओं और धार्मिक आस्था को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में भी प्रदेश के लोगों ने अपनी समृद्ध संस्कृति और रीति-रिवाजों को संरक्षित रखा है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इन परम्पराओं और संस्कृति को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डां, निगमों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और स्टालों पर जाकर विभिन्न उत्पादों का अवलोकन किया।