100 दिन की हिमाचल भाजपा सरकार: 75 रेप, 25 मर्डर, दो बार धारा 144 लगाने की नौबत
शिमला। कसौली गोलीकांड को लेकर किरकिरी झेल रही हिमाचल प्रदेश की जय राम ठाकुर सरकार का पिछले सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर देखा जाये तो बेहतर नहीं है। हलांकि खुद सीएम जय राम ठाकुर कसौली जैसी समस्याओं के लिये पिछली कांग्रेस सरकारों को दोषी मान रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत पर नजर दौड़ाई जाये तो पता चलता है कि सुशासन देने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार जब से सत्तासीन हुई है, तब से लेकर प्रदेश के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। सरकार अपराधियों पर नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम रही है। प्रदेश सरकार को सत्ता में आये सौ दिन से अधिक समय हो चुका है व सरकार की यही उपलब्धि है कि सौ दिनों में प्रदेश में 25 हत्यायें व 75 रेप के मामले दर्ज हो चुके हैं।
सीएम के इलाके में भी धरना-प्रदर्शन
खुद सीएम के जय राम के चुनावी हलके में भी लगातार धरने प्रदर्शन हो चुके हैं। यही वजह है कि अब विपक्षी दल कांग्रेस सड़क से लेकर राजभवन तक प्रदेश के बिगड़ते हालात पर सरकार को घेर रहा है। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव संजय अवस्थी कहते हैं कि कि भाजपा कार्यकाल के 100 दिनों में प्रदेश के भीतर दहशत का माहौल देखा जा रहा है। कानून-व्यवस्था बिल्कुल चरमरा चुकी है जिसके चलते हर जिले में भय का वातावरण है। वहीं हिमाचल में पर्यटक भी आने से कतराने लगे हैं जिसके चलते पर्यटन के पीक सीजन में भी ज्यादातर होटल खाली नजर आ रहे हैं। संजय अवस्थी ने कहा कि भाजपा के सौ दिनों के कार्यकाल में जहां एक और 75 रेप केस और 25 हत्याओं के मामले दर्ज हुए हैं, वहीं 100 दिनों के भीतर 2 बार प्रदेश में धारा 144 लगाने की नौबत भी आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कसौली में एक महिला अधिकारी की हत्या हो जाती है जिसकी चर्चा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। इलाके के लोग दहशत में है लेकिन कसौली विधानसभा के मंत्री राजीव सैहजल ने इस मामले पर न जाने क्यों चुप्पी साध रखी है।
राज्यपाल ने भी जताई चिंता
प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। कसौली गोलीकांड को लेकर ताजा हालात से राज्यपाल को अवगत कराने पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने डीजीपी सीता राम मरढ़ी को राजभवन तलब किया व कसौली प्रकरण पर चिंता जताते हुये प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाए रखने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने डीजीपी से कहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखना पुलिस की जिम्मेदारी है ताकि लोगों को भरोसा रहे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना कर रही सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला की गोली मारकर हत्या करने जैसी घटना दोबारा घटित नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल और डी.जी.पी. के बीच करीब आधा घंटा तक इस मुद्दे पर बात हुई। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि अवैध निर्माण को तुड़वाने के लिए पहुंची पुलिस गोली चलते ही कैसे भाग खड़ी हुई, जिससे गोली मारने वाला भागने में सफल रहा।
कसौली कांड को लेकर कानून-व्यवस्था पर सवाल
उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर मानते हैं कि स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन से कुछ गलतियां हुई हैं। लेकिन फिर कभी ऐसा घटनाक्रम सामने न आए, इस बाबत अवैध निर्माण और कब्जे हटाने के लिए तय मानकों को ध्यान में रखकर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पूर्व सरकारों को भी कसूरवार ठहराया है, उनकी माने तो कई सालों से अवैध निर्माण कार्य सरकारी विभागों की नाक तले ही चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा में कोताही के लिए एसपी, डीएसपी और पुलिस कर्मियों को ट्रांसफर किया है। आरोपी को कसौली सत्र न्यायालय से 5 दिन का पुलिस रिमांड मिला है। अवैध निर्माण हटाने गई महिला अधिकारी की मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान के बाद सरकार ने डिविजनल कमिश्नर की जांच बैठा दी है और 9 मई को इस पूरे केस की ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर की जाएगी।
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