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आजादी के इस परवाने को अब सरकार देगी सम्मान, पैतृक घर बनेगा स्मारक

इनकी रचनाओं में भी जनजागरण की प्रमुख धाराओं के अतिरिक्त छुआछुत उन्मूलन, हरिजन प्रेम, धर्म के प्रति आस्था, विश्वबंधुत्व व मानव धर्म के दर्शन होते हैं।

By Gaurav Dwivedi
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शिमला। पहाड़ गांधी बाबा कांशीराम की 135वीं जयंती मना रहा है। वहीं हिमाचल सरकार ने उनके पैतृक घर को एक विरासती स्मारक बनाने का फैसला लिया है। सरकार जल्द ही उनके पैतृक घर का अधिग्रहण करेगी। आजादी के कई सालों बाद उनकी स्मृतियों को सहेजने की ओर ध्यान सरकार का गया है।

आजादी के इस परवाने को अब सरकार देगी सम्मान, पैतृक घर बनेगा स्मारक

आजादी का ये परवाना अभी स्मृतियों में ही हमारे बीच शेष है। प्रदेश के जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल के डाडासीबा में उनका पैतृक आवास आज जर्जर हाल में है। उसकी सुध किसी भी सरकार ने नहीं ली है। जिससे उनका आवास गिरने के कगार पर हैं। गाहे बगाहे लोग यहां देखने पहंच भी जाते हैं।

आजादी के इस परवाने को अब सरकार देगी सम्मान, पैतृक घर बनेगा स्मारक

पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ क्रांतिकारी साहित्यकार भी थे। उन्होंने काव्य से सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि बाबा कांशीराम ने जन साधारण की भाषा में चेतना का संदेश दिया। बाबा कांशीराम की रचनाओं में जनजागरण की प्रमुख धाराओं के अतिरिक्त छुआछुत उन्मूलन, हरिजन प्रेम, धर्म के प्रति आस्था, विश्वबंधुत्व व मानव धर्म के दर्शन होते हैं। उनके इन गुणों को देखते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 'पहाड़ी गांधी' के नाम से इन्हें सम्मानित किया था।
आजादी के इस परवाने को अब सरकार देगी सम्मान, पैतृक घर बनेगा स्मारक

इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल सरकार ने पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम के पैतृक घर का अधिग्रहण करने और इसे एक विशाल स्मारक में बदलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ी गांधी के नाम से लोकप्रिय बाबा कांशीराम के पैतृक आवास का अधिग्रहण करेगी। कांगड़ा जिला के देहरा उप-मंडल के डाडासीबा में जन्में बाबा कांशीराम महात्मा गांधी के महान प्रशंसक और आजादी के प्रवर्तक थे।

आजादी के इस परवाने को अब सरकार देगी सम्मान, पैतृक घर बनेगा स्मारक

जलियांवाला बाग हत्याकांड के उपरांत उन्होंने महात्मा गांधी के संदेश को उनकी कविताओं व गीतों के माध्यम से पहाड़ी भाषा में प्रसारित किया। महात्मा गांधी के संदेश का उनपर गहरा प्रभाव था। उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक भारतवर्ष आजाद नहीं हो जाता, तब तक वो काले कपड़े ही धारण करेंगे। पहाड़ी कविताओं और छंदों के माध्यम से ब्रिटिश राज के विरुद्ध देशभक्ति का संदेश फैलाने के लिए उन्हें 11 बार गिरफ्तार किया गया और उन्होंने अपने जीवन के लगभग 9 वर्ष विभिन्न जेलों में बिताए। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी वर्ष 1984 में बाबा कांशीराम के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाबा कांशीराम की 11 जुलाई को 135वीं जयंती के अवसर पर उनके घर का अधिग्रहण करने, इसका सरंक्षण और उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है।

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English summary
House of this freedom fighter will be memorial
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