डयूटी के दौरान पुलिस वालों की जेब में मिले 200 रुपए से ज्यादा तो होगी सजा
शिमला। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के पुलिसकर्मी अब अपनी जेब में 200 रूपए से अधिक नहीं रख पायेंगे। पंजाब से सटे इस इलाके में पुलिस में बढ़ते भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ऊना के एसपी ने यह आदेश जारी किया है। हालांकि आमतौर पर अफसर पुलिस महकमें में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी आंखें मूंद लेते हैं लेकिन यहां खुद एसपी ने शिकायतों से अजिज आकर अनोखा कदम उठाया है।
हिमाचल प्रदेश का जिला ऊना पंजाब से सटा हुआ है। यहां के ज्यादातर लोग भी पंजाबी बोलते हैं। बढ़ते नशे के कारोबार व माफिया के दबदबे के चलते पुलिस की कार्यशैली पर भी अब सवाल उठने लगे है। पिछले दिनों यहां एक नशे के बड़े कारोबारी को पकड़ा गया तो उसने बताया कि वह यह काला कारोबार करने के बदले हर महीने एडीशनल एसपी तक को पैसा देता है। इस मामले की जांच अभी जारी है लेकिन इस बीच धूसखोरी को लेकर बदनाम हो रही ऊना पुलिस पर अंकुश लगाने के लिए ऊना के एसपी दिवाकर शर्मा ने एक अनोखा आदेश जारी किया है।
एसपी दिवाकर शर्मी की माने तो जिला के सभी पुलिसकर्मियों को हिदायत दी गई है कि वह डयूटी के दौरान अपनी जेब में दो सौ रूपए से अधिक न रखे सकते है। उन्होंने इन आदेशों की अनुपालना करने में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। एसपी ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया कि पिछले काफी दिनों से श्रद्धालुओं से घूसखोरी कर पैसा लेने की शिकायते मिल रही थी। उन्होंने बताया कि पंजाब से हिमाचल के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों चिंतपुर्णी, ज्वालामुखी व कांगड़ा में रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शनों करने के लिए आते हैं। लेकिन पुलिस के निचले स्तर पर उनसे जो किया जा रहा था, उसने वजह यह कदम उठाने को मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि वह खुद 28 मार्च को मुबारिकपुर चेक पोसट पर घूसखोरी करते रंगे हाथों पांच पुलिस कर्मियों को पकड़ कर उन्हें सस्पेंड कर चुके हैं। इसके बाद मारवाड़ी पोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मियों को घूसखोरी करते पकड़े जाने पर हटाया गया था। इसके साथ ही यातायात विंग में तैनात कुछ पुलिस कर्मियों से चालान काटने व वाहन जब्त करने की शक्तियां छीनी जा चुकी हैं। लेकिन इसके बावूजद घूसखोरी की शिकायतें आनीं बंद न हुईं तो उन्होंने यह आदेश जारी किए है।