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हिमाचल प्रदेश: डर के मारे CM की रेस से खुद पीछे हटने लगे हैं नड्डा!

यही नहीं नड्डा अगर सीएम बनते हैं तो उन्हें चुनाव भी लड़ना होगा, जो कि एक जोखिम भरा काम है। नड्डा प्रदेश में धूमल की तरह उतने लोकप्रिय नहीं हैं।

By Gaurav Dwivedi
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शिमला। सुजानपुर से भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की करारी हार के बाद प्रदेश भाजपा में उथल-पुथल मची है। भाजपा ने हालांकि सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल कर लिया है लेकिन नए सीएम की तलाश दिल्ली से लेकर शिमला तक जारी है। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। तो इस बीच खबर ये भी है कि नड्डा अभी तक हिमाचल का ताज पहनने के लिए तैयार नहीं हैं। वो खुद ही इस दौड़ से पीछे हट रहे हैं। इसका संकेत यहां नड्डा समर्थक विधायकों को भी दे दिया गया है।

सवाल अनसुना कर गए नड्डा

सवाल अनसुना कर गए नड्डा

सोमवार को नड्डा ने चुनाव परिणाम आने के बाद दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में पत्रकारों को संबोधित करते हुए हिमाचल में सीएम की रेस में होने के सवाल को टाल दिया, वहीं इस सवाल को अनसुना कर दिया था। जिससे लगने लगा है कि नड्डा शायद ही प्रदेश के सीएम बनें। खुद नड्डा भी अभी तक अपने मंसूबे जाहिर करने से कतरा रहे हैं। नड्डा को लेकर अभी भी कई पेंच फंसे हुए हैं। दरअसल भाजपा नेतृत्व भी धूमल की हार के बाद एक ब्राहम्ण नेता को प्रदेश की बागडोर थमाने का जोखिम लेने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।

राजपूत/ब्राह्मण के बीच फंसी है पेंच

राजपूत/ब्राह्मण के बीच फंसी है पेंच

चूंकि पार्टी के भीतर ये डर है कि कहीं राजपूत मतदाता अगले लोकसभा चुनावों से पहले ही भाजपा से नाराज ना हो जाएं। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश की चार में से चार सीटें मिली थीं। यही नहीं नड्डा अगर सीएम बनते हैं तो उन्हें चुनाव भी लड़ना होगा, जो कि एक जोखिम भरा काम है। नड्डा प्रदेश में धूमल की तरह उतने लोकप्रिय नहीं हैं।

चेहरा चुनेंगे ये दोनों

चेहरा चुनेंगे ये दोनों

फिलहाल भाजपा ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को हिमाचल प्रदेश में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी दी है। दोनों नेता हिमाचल में चुने गए विधायकों से विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएंगे। ये दोनों केंद्रीय मंत्री भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों, हिमाचल के प्रभारी और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से बैठक कर अपनी रिपोर्ट हाईकमान को देंगे। उसके बाद ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा।

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English summary
Himachal Pradesh: Nadda started withdrawing himself from the race of the CM by this fear
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