हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: सीट नंबर 53 सोलन (आरक्षित अनूसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानिये
शिमला। सोलन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा सीट नंबर 53 है। सोलन जिले में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2012 में इस क्षेत्र में कुल 72,100 मतदाता थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में धनीराम शांडिल्य इस क्षेत्र के विधायक चुने गए। सोलन भारत के मशरूम शहर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती होती है। समुद्र सतह से 1467 मीटर की ऊँचाई पर स्थित सोलन अपने सुंदर दृश्यों के लिये जाना जाता है। संपूर्ण क्षेत्र घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। 1986 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मतिउल चोटी शहर के पूर्व में स्थित है और इसे यहाँ से आसानी से देखा जा सकता है। शहर के उत्तर में कारोल चोटी है जो इस क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी है। सोलन अन्य हिल स्टेशनों जैसे कांडाघाट, कसौली, चैल और दगशाई की सैर के लिये आधार के समान है। घने जंगलों, पहाडिय़ों और पहाड़ों के कारण इस क्षेत्र में निर्माण कार्य नही किया जा सकता।
कारोल पर्वत के शीर्ष के पास एक गुफ़ा है जो लोककथाओं के अनुसार वही गुफा है जहाँ भारतीय महाकाव्य महाभारत के पांडव उनके निर्वासन के दौरान रहे थे। ब्रिटिश सेना के विरुद्ध 1920 के आयरिश विद्रोह का गठन भी इस क्षेत्र में किया गया था जिसके कारण इस स्थान को ऐतिहासिक महत्व प्राप्त हुआ। ब्रिटिश द्वारा दो आयरिश सैनिकों की हत्या कर दिए जाने के कारण यह विद्रोह टूट गया जिसके बाद कई बागी सैनिकों को जेल भेज दिया गया।
सोलन नगर बघाट रियासत की राजधानी हुआ करती थी। इस रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत का क्षेत्रफल 36 वर्ग मील में फैला हुआ था। इस रियासत की प्रारंभ में राजधानी जौणाजी, तदोपरांत कोटी और बाद में सोलन बनी। राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे। मूल रूप से सोलन एक औद्योगिक शहर है और कुछ विख्यात उद्योगों का घर है जो इस जगह की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। राजनैतिक तौर पर क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिये आरक्षित है। जिससे जातिगत समीकरण तो नहीं,लेकिन चुनावों में व्यक्तिव जरूर प्रभाव डालेगा। चूंकि इस बार धनी राम शांडिल का विरोध है। वहीं भाजपा की शीला चुनावों में अपना दम खम दिखा सकती है।
सोलन
से
अभी
तक
चुने
गये
विधायक
वर्ष
चुने
गये
विधायक
पार्टी
संबद्धता
2012
धनीराम
शांडिल्य
कांग्रेस
2007
डॉ
राजीव
बिंदल
भाजपा
2003
डॉ॰
राजीव
बिंदल
भाजपा
1998
कृष्णा
मोहिनी
कांग्रेस
1993
कृष्णा
मोहिनी
कांग्रेस
1990
महेंद्र
नाथ
सोफत
भाजपा
1985
ज्ञान
चंद
तोतु
कांग्रेस
1982
रामा
नन्द
भाजपा
1977
गौरी
शंकर
जनता
पार्टी
सेना
से
राजनिति
में
आये
शांडिल
कर्नल
धनी
राम
शांडिल
कांग्रेस
के
कद्दावर
दलित
नेताओं
में
हैं।
सेना
से
रिटायर
होने
के
बाद
उन्होंने
राजनिति
ज्वाईन
की।
77
वर्षीय
शांडिल
ने
भारतीय
सेना
की
डोगरा
रेजिमेंट
में
बखूबी
अपनी
सेवायें
दीं।
व
कर्नल
रैंक
से
रिटायर
हुये।
उनका
एक
बेटा
व
दो
बेटियां
हैं।
वह
13
वीं
संसद
में
शिमला
संसदीय
सीट
से
हिमाचल
विकास
कांग्रेस
के
सदस्य
के
नाते
लोकसभा
के
सदस्य
रहे।
व
बाद
में
14
वीं
संसद
में
भी
दोबारा
कांग्रेस
के
लोकसभा
के
लिये
चुने
गये।
उन्होंने
2012
में
सोलन
से
चुनाव
जीता।
उन्होंने
2012
के
चुनाव
में
भाजपा
प्रत्याशी
कुमारी
शीला
को
4472
मतों
से
पराजित
किया
था।