हिमाचल प्रदेश: थप्पड़ कांड पर DGP की सफाई- महिला कांस्टेबल नहीं की गई हैं सस्पेंड
पुलिस कांस्टेबल और कांग्रेस विधायक आशा कुमारी के बीच हुए थप्पड़ कांड पर महिला पुलिस कर्मी द्वारा मामला दर्ज करवाए जाने के बाद विधायक ने भी पुलिस में शिकायत दी थी।
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शिमला। शिमला में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के दौरान कांग्रेस विधायक और महिला कांस्टेबल के बीच हुई थप्पड़बाजी ने तूल पकड़ लिया है। विधायक आशा कुमारी की ओर से माफी मांगने के बावजूद महिला कांस्टेबल अड़ी हैं। उन्होंने बाकायदा सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है तो इसके बाद मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। यही वजह है कि पहले ये चर्चा शुरू हुई कि महिला कांस्टेबल को डीजीपी ने सस्पेंड कर दिया है। उसके बाद खुद डीजीपी सोमेश गोयल सामने आए और स्पष्ट किया कि महिला कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की बात गलत है। उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए सारे प्रकरण की जांच प्रशासनिक रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में कराने का फैसला लिया गया है। ये जांच दल विधायक आशा कुमारी से पूछताछ करेगा। साथ ही महिला पुलिस कांस्टेबल से भी पूछताछ की जाएगी।
कांग्रेस विधायक और महिला कांस्टेबल के बीच चले थे थप्पड़
गौरतलब है कि प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को शिमला पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में अचानक हंगामा हो गया। दरअसल हुआ यूं कि जब राहुल गांधी बैठक के लिए शिमला पहुंचे तो वो सीधे कांग्रेस कार्यालय में अंदर चले गए। कार्यालय के बाहर उनसे मिलने वालों की भारी भीड़ जमा थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां पुलिस बल भी तैनात था। तभी भीड़ में मौजूद डलहौजी विधानसभा से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने एक महिला पुलिसकर्मी को चांटा जड़ दिया। आशा कुमारी राहुल गांधी से मिलना चाह रही थीं, जबकि महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें रोक दिया था लेकिन वो नहीं रुकीं। इस दौरान आशा ने जब पुलिसकर्मी को थप्पड़ जड़ा तो जवाब में उस महिला पुलिसकर्मी ने भी उनको बिना रुके चांटा जड़ दिया। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे पर कई चांटे जड़े।
दोनों तरफ से दायर किया गया था मुकदमा
उधर, कांग्रेस मुख्यालय में पुलिस कांस्टेबल और कांग्रेस नेता व विधायक आशा कुमारी के बीच हुए थप्पड़ कांड पर महिला पुलिस कर्मी द्वारा मामला दर्ज करवाए जाने के बाद विधायक ने भी पुलिस में शिकायत दी है। एसएचओ सदर के नाम शिकायत पत्र में आशा ने पुलिसकर्मी पर उन्हें बैठक के लिए अपने कांग्रेस कार्यालय में जाने से रोका। इस दौरान पूर्व मंत्री और विधायक कर्नल धनीराम शांडिल्य समेत अन्य नेता भी साथ थे। इस दौरान जब वो आगे जाने लगीं तो महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का दिया और हाथापाई की।
विधायक की मांफी के बाद DGP की महिला कांस्टेबल पर सफाई
आशा ने अपनी शिकायत में लिखा है कि वो डलहौजी से विधायक हैं और इस महीने आए चुनाव में भी वो वहां से जीतकर आई हैं। उन्होंने आगे लिखा कि वो इस घटना के बाद बैठक में चली गईं और वहां पर लगातार बैठकें होती थीं और इस कारण वो समय पर इस घटना की शिकायत नहीं कर पाईं। आशा कुमारी ने थप्पड़बाजी के बाद अपनी गलती पर मांफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि महिला कांस्टेबल ने उससे दुर्व्यवहार किया था। उन्होंने कहा कि मैं उसकी मां की उम्र की हूं। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि मुझे अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए था। मैं इस गलती पर माफी मांगती हूं।
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