Himachal Pradesh Assembly Elections: BJPको सिर्फ 37974 वोटों ने किया सत्ता से बाहर, जानिए कहां हुई चूक
हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों को एक फीसदी से भी कम के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा। यही वजह है कि भाजपा सत्ता से बाहर हो गई
Himacha Pradesh Assembly elections: भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में 156 सीटों पर जीत दर्ज करके जहां इतिहास बनाया तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 25 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आईं और अन्य के खाते में 3 सीटें गई। अहम बात यह है कि इस बार भारतीय जनता पर्टी को 18 सीटों का नुकसान हुआ तो कांग्रेस को 18 सीटों का लाभ हुआ। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के वोटों की बात करें तो दोनों के बीच एक फीसदी से भी कम का अंतर था, लेकिन सीटों में अंतर काफी बड़ा।
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सिर्फ 37974 हजार वोटों ने किया सत्ता से बाहर
हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 43 फीसदी यानि 1814530 वोट मिले। अगर कांग्रेस की बात करें तो उसके खाते में 43.90 फीसदी वोट यानि 1852504 वोट मिले। यानि दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर 0.9 फीसदी यानि 37974 वोटों का अंतर है। लेकिन दोनों दलों के बीच सीटों के अंतर की बात करें तो 15 सीटों का है। ऐसे में साफ है कि भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच जीत-हार का अंतर काफी करीबी रहा है।
बागियों ने किया सत्ता से बाहर!
दरअसल इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा 40 फीसदी विधायकों का टिकट काट दिया था। जिसमे से 18 विधायकों ने बगावती सुर दिखाते हुए निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी। निर्दलीयों का मैदान में उतरना भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ा है। भाजपा के जो 18 बागी निर्दलीय विधायक मैदान में थे उसमे से 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस बार हिमाचल प्रदेश के चुनाव में बागी विधायकों की बगावत भाजपा को काफी भारी पड़ी। पार्टी के बागी विधायकों ने निर्दलीय ताल ठोकी और कुल निर्दलीय विधायकों ने तकरीबन 11 फीसदी वोट अपने नाम किए। अहम बात यह है कि भाजपा के 10 मंत्रियों में से 9 मंत्रियों को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा
पीएम मोदी को था अंदाजा
हिमाचल प्रदेश में बागी विधायक भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, इस बात का अंदाजा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी था। यही वजह है कि खुद पीएम मोदी ने बागी विधायक को फोन करके निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ने को कहा था, जिसका ऑडियो काफी वायरल हुआ था। खुद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस बात की ओर इशारा किया और कहा कि हमे अपनों ने काफी नुकसान पहुंचाया।