हिमाचल की इस लड़की ने NASA में गाड़े भारत के झंडे
अमेरिकन एंबेसी ने भुवनेश्वरी के हुनर की पहचान करते हुए उससे पूछा कि क्या वो भविष्य में अमेरिका में नौकरी करना चाहेगी।
शिमला। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA में हिमाचल प्रदेश की एक बेटी ने अपनी छोटी सी उम्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कुल्लू की रहने वाली भुवनेश्वरी ठाकुर अपनी 14 साल की उम्र में नासा में वेदर बैलून लॉन्च करने वाली पहली हिमाचली बेटी बन गई है। 14 साल की छोटी सी उम्र में ही नासा में जाकर वेदर बैलून को उड़ाना सचमुच किसी सपने जैसा लगता है। लेकिन कुल्लू जिले में रामशिला की रहने वाली भुवनेश्वरी ने ये कर दिखाया है। कुल्लू के सनावर स्कूल की छात्रा भुवनेश्वरी ने बैलून का जिस जगह पर पूर्वानुमान लगाया था, वो ठीक उसी ऊंचाई पर ही रुका। इस तरह नासा में भुवनेश्वरी ठाकुर का वेदर बैलून का प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा।
भुवनेश्वरी नासा के टूर के लिए हिमाचल से चयनित होने वाली एकमात्र लड़की है। भुवनेश्वरी ने जिस वेदर बैलून को बनाया, वो मौसम की सटीक जानकारी प्रदान करता है। भुवनेश्वरी के बनाए इस वेदर वैलून ने शनिवार को नासा की प्रयोगशाला वाले शहर आरलेंडो के मौसम की सटीक जानकारी दी। आरलेंडो में शनिवार को मौसम साफ था। वेदर बैलून ने भी सनी-डे बताया था। नासा के लिए भारत से 38 विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस टूर पर गया हुआ है। भुवनेश्वरी ने अपने हुनर के दम पर नासा में वेदर बैलून उड़ाया और लोगों से वाहवाही भी लूटी। नासा ने भुवनेश्वरी की कामयाबी पर उसे एक साल तक नासा में विजिट करने का कार्ड भी दिया है।
कुल्लू की बेटी की नासा में कामयाबी पर कुल्लूवासियों में खुशी का माहौल है। अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर भी खासे गदगद हैं। वो चाहते हैं कि उनकी बेटी इसी तरह आगे भी नए कीर्तिमान स्थापित करे। उनकी बेटी भुवनेश्वरी ठाकुर ने नासा में वेदर बैलून लॉन्च कर नया इतिहास रचा है। वहीं भुवनेश्वरी की मां से पंचायत समिति सदस्य रेणुका डोगरा ने कहा कि उनकी बेटी अमेरिका के नासा में प्रतिनिधिमंडल के साथ गई है और वहां पर नासा की स्पेस एजेंसी की तरफ से सप्ताहिक स्टडी टूर पर बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि पर वेदर बैलून की सफल लॉन्चिंग की उपलब्धि हांसिल की है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी भुवनेश्वरी ठाकुर इस महीने की पांच जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी और 8 जुलाई को कुल्लू पहुंचने पर कुल्लूवासियों के द्वारा उसके भव्य स्वागत की तैयारी हो चुकी है।
दरअसल अमेरिकन एंबेसी ने भुवनेश्वरी के हुनर की पहचान करते हुए उससे पूछा कि क्या वो भविष्य में अमेरिका में नौकरी करना चाहेगी। लेकिन सनावर स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली भुवनेश्वरी ने अपने देश के प्रति प्रेम दिखाया। भुवनेश्वरी ने अमेरिका की पेशकश को नकारते हुए कहा कि वो अमेरिका नहीं, भारत में ही नौकरी करना चाहती है। भुवनेश्वरी ने कहा कि उसका सपना देश की सीमाओं पर रक्षा करने वाली इंडियन आर्मी में बतौर हार्ट सर्जन काम करना है। भारतीय सेना में हार्ट सर्जन बनकर वह देश की सेवा करना चाहती है।
अमेरिकन एंबेसी ने भुवनेश्वरी को 10 साल का मल्टीपर्पज वीजा भी दिया। इसके तहत वो कभी भी अमेरिका जा सकती है। भुवनेश्वरी ने नासा के वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण भी प्राप्त किया और उनके साथ लंच भी किया। भुवनेश्वरी ने विदेशों में नौकरी करने की चाह रखने वाले ऐसे युवाओं को संदेश दिया है कि वे अपने देश में रहकर भी देश की सेवा करें और देश की प्रगति व विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। कुल्लू की बेटी की बड़़ी कामयाबी से प्रदेश व देश की अन्य बेटियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
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