हिमाचल चुनाव: जनता से खुद के लिए वोट मांगने वाले वीरभद्र, धूमल जैसे बड़े नेता भी दूसरे को डालेंगे वोट
खुद के लिए जनता से वोट मांगने के लिए बेशक दोनों नेता जी-जान से लगे पड़े हैं लेकिन खुद दोनों अपने आपको भी वोट नहीं कर सकेंगे। क्योंकि इस बार दोनों एक बदलाव से गुजर रहे हैं।
शिमला। राजनीतिक दल मतदाताओं से 9 नवंबर को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील कर रहे हैं, तो प्रदेश में चुनाव लड़ रहे कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो अपने चुनाव क्षेत्र में अपना ही वोट नहीं डाल पाएंगे। इनमें कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह और भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल भी शामिल हैं। दोनों नेताओं के विधानसभा क्षेत्र इस बार बदल गए हैं। जिससे दोनों नेता अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र ने इस बार अपना चुनाव क्षेत्र बदला है और वो शिमला ग्रामीण नहीं, सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। तो प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर सदर की बजाए सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने साल 2012 विधानसभा चुनाव में रामपुर में परिवार सहित वोट डाला था। हालांकि वो शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे थे। इसके अलावा नगर निगम चुनाव में उनकी पत्नी और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने जाखू वॉर्ड में मतदान किया था।
वहीं धूमल हमीरपुर जिला के समीरपुर के निवासी हैं। ऐसे में वो भी अपने लिए वोट नहीं कर पाएंगे। धूमल के अलावा उनके पुत्र सांसद अनुराग ठाकुर और अरुण धूमल के अलावा पूरा परिवार अपने पक्ष में मतदान नहीं कर पाएगा। धूमल अपने परिवार के साथ अपने लिए वोट नहीं कर पाए थे, क्योंकि उनका वोट भोरंज में है। इसी तरह पूर्व मंत्री और विधायक रविंद्र सिंह रवि भी स्वयं के लिए मतदान नहीं कर पाएंगे। भाजपा के दिग्गज नेता रवि का वोट पालमपुर में है। ऐसे में उनको वहीं पर मतदान करना होगा। वहीं ज्वालामुखी से भाजपा प्रत्याशी रमेश धवाला का वोट देहरा चुनाव क्षेत्र में है। उनका गांव धवाला देहरा में आता है। लिहाजा अगर वो मतदान करते हैं, तो वोट देहरा में डाला जाएगा। भोरंज से भाजपा प्रत्याशी कमलेश कुमारी का वोट हमीरपुर में है। वो भोरंज विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने इस बार पूर्व मंत्री स्वर्गीय ईश्वर दास धीमान के बेटे और विधायक डॉ. अनिल धीमान का टिकट काटा है।
पालमपुर से भाजपा प्रत्याशी इंदू गोस्वामी भी अपने लिए मतदान नहीं कर पाएंगी। उनका वोट साथ लगते बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में है। भाजपा की तरफ से शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. प्रमोद शर्मा का वोट भी दूसरी जगह है। वो कुमारसेन क्षेत्र के बाग पंचायत से संबंध रखते हैं। इस तरह उनका वोट भी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में है। सोलन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजेश कश्यप भी अपने लिए वोट नहीं डाल पाएंगे। जानकारी के मुताबिक उनका वोट शिमला में बना है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र और युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वो शिमला ग्रामीण से चुनाव मैदान में हैं। नगर निगम चुनाव में उनका वोट शिमला शहरी में था। इस तरह पूरा परिवार ना तो वीरभद्र सिंह और ना ही विक्रमादित्य सिंह के लिए वोट डाल पाएगा।