एक हफ्ते के अंदर ही अपने फैसले से पलटी हिमाचल की जय राम सरकार
शिमला। अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता कि हिमाचल की जय राम ठाकुर सरकार ने अपने ही फैसले को पलटते हुये पिछली कांग्रेस सरकार के फैसले की राह पकड़ ली। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शपथ ग्रहण करते ही बड़े धूम धड़ाके के साथ ऐलान किया था कि नई सरकार कांग्रेस सरकार की ओर से रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार पाए लोगों को नौकरी से हटाएगी। लेकिन शुक्रवार को हिमाचल कैबिनेट ने अपने ही फैसले से पलटते हुए राजस्व महकमें में दोबारा नौकरी पर रखे गये रिटायर्ड पटवारी और कानूनगो की सेवाओं को जारी रखने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में अनुबन्ध आधार पर नियुक्त किए गए सेवानिवृत पटवारियों तथा कानूनगो की सेवाओं को नए पटवारियों का प्रशिक्षण पूरा होने तथा उनकी नियुक्ति होने तक जारी रखने का निर्णय लिया गया, ताकि आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। कैबिनेट ने सर्वोच्च न्यायालय के अन्तर ऊर्जा रिटर्न के मामले में जारी 27 सितम्बर, 2011 के आदेशों की अनुपालना में बीबीएमबी परियोजनाओं में बकायों के निपटारे के लिये मंजूरी प्रदान की है। 13066 मिलियन यूनिट ऊर्जा मात्रा से राज्य को औसतन 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से 3266 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी।
मंत्रिमण्डल ने 10 से 12 वर्ष की अवधि के भीतर पूरी अन्तर ऊर्जा की वापसी के लिए पंजाब तथा हरियाणा के साथ समझौता वार्ता के लिए मंजूरी प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने भारत सरकार द्वारा अपने शपथ पत्र में की गई गणना के अनुरूप ऊर्जा की वापसी की अवधि के दौरान समान वार्षिक किश्तों में 111.53 करोड़ रुपये की देनदारी की अदायगी के लिए समझौता वार्ता पर सहमति जताई। यदि पंजाब और हरियाणा राज्य ब्याज सहित भुगतान की बात करते हैं तो हिमाचल प्रदेश 6 प्रतिशत प्रीमियम के साथ ऊर्जा की वापसी की बात करेगा और 13066 मिलियन यूनिट अंतर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त देनदारी नहीं होगी। मंत्रिमण्डल ने पहली अक्तूबर से 31 मार्च के दौरान धान की फसल के दौरान पंजाब तथा हरियाणा में बिजली की कम आवश्यकता तथा सार्वजनिक हित में सर्दियों के महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं के चलते पंजाब तथा हरियाणा से ऊर्जा वापसी के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
मंत्रिमण्डल ने धर्मशाला में 9 जनवरी, 2018 से आरम्भ होने वाले 13वीं हि.प्र. विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण को अपनी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने डिमोबिलाईजड सशस्त्र बल (हिमाचल राज्य में गैर तकनीकी सेवा में रिक्तियों का आरक्षण) नियम, 1972 के नियम -5 (1) और पूर्व सेनिक (हिमाचल राज्य में तकनीकी सेवा में रिक्तियों का आरक्षण) नियम 1985 के नियम-5(1) को हटाने के सम्बन्ध में 5 अगस्त, 2017 को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए निर्णय की समीक्षा की तथा पूर्व सैनिकों को सिविल रोजगार में वेतन निर्धारण के लाभ को बहाल करने का निर्णय लिया। यह निर्णय उन्हें वित्तीय लाभों के लिए हकदार बनाएगा।
मंत्रिमण्डल ने हिन्दु सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ सावधि अधिनियम, 1984 की अनुसूचि-1 से कुल्लू जिला के श्री रधुनाथ जी मन्दिर सुल्तानपुर को बाहर रखने को मंजूरी प्रदान की। बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पेड़ों के कटान पर लगाए गए प्रतिबन्ध में छूट देते हुए भारतीय राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा कण्डाघाट से कैथलीघाट तक राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 पर फोर-लेन के निर्माण के लिए हस्तांतरित व अधिग्रहण की गई निजी भूमि से कुछ पेड़ों व पौधों को काटने की अनुमति प्रदान की गई। मंत्रिमण्डल ने शिमला हवाई अड्डे के नजदीक जाठिया देवी में आवासीय परियोजना के लिए हुडक़ों से लिये गए ऋण के लिये सरकारी गारंटी को 28 फरवरी, 2021 तक बढ़ाने को भी स्वीकृति प्रदान की। साथ ही मंत्रिमण्डल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा का बिलासपुर में एम्स स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान करने के लिये आभार व्यक्त किया।