हिमाचल हादसा: जब एकसाथ उठे 23 बच्चों के जनाजे, मातम के शोर से कांप गई सबकी रूह
धर्मशाला। कांगड़ा जिले के नूरपुर के पास मलकवाल-ठेहड़ लिंक रोड पर चेली गांव में हुए दर्दनाक बस हादसे में वजीर राम सिंह पठानिया मेमोरियल स्कूल के बच्चों का आज सामूहिक अंतिम संस्कार कर दिया गया। उम्र कम होने की वजह से उन्हें दफनाया गया वहीं कुछ की चिताएं भी जलाई गईं। स्कूल में आज जहां सन्नाटा पसरा रहा तो वहीं नुरपूर के बाजर भी बंद रहे।
सिविल अस्पताल में प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व केद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की ओर से मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही बच्चों को परिजनों को सौंपने का सिलसिला शुरू हुआ तो चीख पुकार में हर आंख नम हो गई। यहां से सरकार की ओर से ही बच्चों को घरों तक पहुंचाने वाले वाहनों का इंतजाम किया गया। सैंकड़ों की तादाद में यहां सुबह से ही लोग जुटे थे। मातम के महौल में चारों ओर आंसुओं का ही सैलाब था। अस्पताल से शव ले जाने के बाद शव जब घरों में पहुंचे तो एक बार फिर महौल मातमी हो गया। घरों से बच्चों के जनाजे उठते ही हर रूह कांप गई। शव यात्रा में भी महौल दर्दनाक था।
बस हादसे में सबसे ज्यादा जानें गंवाने वाले ख्वाड़ा गांव में एक साथ 12 बच्चों की चिताएं जली। ख्वाड़ा गांव से ही भविष्य जम्बाल सुपुत्र राधव जम्बाल, हर्ष पठानिया सुपुत्र राधव सिंह, परमीश ठाकुर पुत्र रघुनाथ निवासी, स्नेहा सुपुत्री अजय सिंह, पलक जम्बाल सुपुत्री राजेश सिंह, प्रणव सुपुत्र कर्म सिंह निवासी ख्वाड़ा, जानवी और कार्तिक कटोच सुपुत्र सुरजीत कटोच शामिल हैं। वहीं बाकी बच्चों को दफनाया गया।
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