हिमाचल: सिलेंडर फटने से 27 लोग झुलसे, दो की इलाज के दौरान मौत
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नगरोटा सूरियां में गैस सिलेंडर फटने से झुलसे लोगों में से दो की टांडा मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने वालों की पहचान कैथों राम (78) पुत्र जगत राम निवासी नगरोटा सूरियां व फौजी राम (54) पुत्र राम लाल निवासी खबल के रूप में हुई है। इस हादसे में करीब 27 लोग झुलसे थे। मृतकों के परिवार इन मौतों से सदमे में है। पुलिस ने मौत के बाद धारा 336, 337 व 304ए के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। अभी भी तीन झुलसे व्यक्ति टांडा मेडिकल कालेज के आपातकालीन विभाग में गंभीर अवस्था में उपचाराधीन हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि यदि नगरोटा सूरियां के अस्पताल में एक भी डॉक्टर होता तो इन सब रोगियों की हालत इतनी खराब नहीं होती। अस्पताल में डॉक्टरों के अलावा न स्ट्रैचर, न दवाई, न एम्बुलेंस और न ही मरहम था। इस बीच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने टांडा मेडिकल कालेज पहुंचकर नगरोटा सूरियां में एलपीजी सिलेंडर फटने से घायल हुए लोगों का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने दुर्घटना में दो लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवगंत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि मृतक फौजी राम व कैंथू राम के परिजनों को सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने हादसे में घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस मौके पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि नगरोटा सूरियां अस्पताल में डॉक्टर के रिक्त पद को शीघ्र भरा जायेगा। सरकार ने बीते चार महीनों में 262 डाक्टरों नियुक्त किए हैं, जल्द ही डाक्टरों के 200 और पद भरे जाएंगे। सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने लोगों की पीड़ाओं के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की ओर से पीडि़तों का हाल जानने एवं उनकी देखभाल के समुचित प्रबंधों को देखने के लिए शहरी विकास मंत्री बुधवार को देर रात 3 बजे टांडा पहुंचीं थीं। उन्होंने राहत-बचाव कार्यों एवं त्वरित उपचार की व्यवस्था के लिए प्रशासन व टांडा मेडीकल कॉलेज प्रबंधन व चिकित्सकों के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने बताया कि आंशिक तौर पर घायल एक व्यक्ति को उपचार के उपरांत अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक व्यक्ति पठानकोट अस्पताल में उपचाराधीन है। 19 लोग टांडा में उपचाराधीन हैं। सभी घायलों को फौरी राहत के तौर पर प्रशासन ने धनराशि उपलब्ध करवाई है।इस मौके पर उनके साथ जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार, एस.पी. संतोष पटियाल, प्रधानाचार्य रमेश भारती, एम.एस. गुरदर्शन गुप्ता, डा. भानु अवस्थी, संजय चौधरी के अलावा अन्य डाक्टर तथा अधिकारी मौजूद थे।
ये भी पढ़ें: हिमाचल: मिठाई की दुकान में फटा एलपीजी गैंस सिलेंडर, 27 लोग घायल