नारी सुरक्षा पर भाजपा सरकार के दावे की निकली हवा, हिमाचल में महिलाओं के खिलाफ अपराध का ग्राफ चढ़ा
शिमला। बीते साल हिमाचल प्रदेश की सत्ता में जब कांग्रेस की सरकार थी तो बहुचर्चित कोटखाई गैंगरेप प्रकरण के दौरान भाजपा ने महिला सुरक्षा के नाम पर जोरदार अंदेालन किया व चुनावों में महिला सुरक्षा भी एक मुद्दा रहा जिसके चलते प्रदेश में भाजपा की जय राम सरकार सत्तीसीन हो गई। प्रदेश में सत्ता संभालते ही हिमाचल की जयराम सरकार ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता में रखने का भरोसा दिया था, लेकिन इसकी पोल सरकार के पहले तीन माह के कार्यकाल में ही खुल गई है। सरकार की इस छोटी सी अवधि में ही लगातार महिलाओं के यौन शोषण से लेकर कातिलाना हमले हो रहे हैं। व पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर पा रही है।
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में हर 30 घंटे में रेप का मामला सामने आ रहा है। यहां पर हर 19 घंटे के भीतर एक महिला यौन शौषण का शिकार हो रही है। साथ ही लगभग हर दिन एक महिला का अपहरण हुआ। हर तीसरे दिन महिलाओं के साथ किसी ना किसी तरह की क्रूरता सामने आई है। साथ ही इन तीन महीनों में 10 महिलाओं की हत्या की गई है।
सिलसिलेवार तरीके से बताएं तो जयराम सरकार में 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च 2018 तक महिलाओं की हत्या के 10 मामले, दुष्कर्म के 71 मामले, दहेज के चलते एक महिला को जान गंवानी पड़ी है। वहीं, 82 अपहरण और यौन शोषण के 108 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, आत्महत्या के लिए मजबूर करने के 16 मामले और 34 महिलाएं क्रूरता का शिकार होने के साथ-साथ 17 महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं हुई हैं। यह सिलसिला अभी रुका नहीं है।
यह आंकड़े देवभूमि हिमाचल को दानव भूमि बनने की तरफ इशारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि हिमाचल में कानून व्यवस्था सही है, लेकिन आंकड़े उनके बयान की पोल खोलते हैं। अप्रैल माह में जिला कांगड़ा के पालमपुर में 16 वर्षीय मासूम गैंगरेप का शिकार हुई। उसके साथ पांच लोगों ने रेप किया। सिरमौर में गर्भवती महिला से बलात्कार हुआ। कांगड़ा में छेड़छाड़ से तंग होकर नाबालिग ने खुद को आग लगा दी और उस मासूम की जान चली गई। इसके अलावा, मशोबरा में अधेड़ ने नाबालिग को निशाना बनाया। वहीं, सीएम सिटी मंडी में तो हालात और खराब हैं। यहां बीते कुछ दिन में चार रेप के मामले सामने आए हैं। इनमें से दो नाबालिग गर्भवती हैं। मंडी में 13 वर्षीय मासूम भी रेप का शिकार होकर गर्भवती हो गई। सरकाघाट के धर्मपुर और जोगिंद्रनगर में नाबालिग से रेप हुआ है। सोलन के कसौली गौलीकांड से तो हर कोई वाकिफ है। इसकी गूंज तो दिल्ली तक पहुंची। अवैध निर्माण गिराने आई टीसीपी की महिला अधिकारी शैल बाला को सरेआम गोली मार दी गई। बीते दिन सोलन जिला के बद्दी में दो युवतियों पर कातिलाना हमला हुआ। इस दौरान एक युवती की गला रेत कर हत्या कर दी गई। यह सिलसिला अभी रुका नहीं है।
हालांकि राज्य सरकार ने पिछले दिनों महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने एक शक्ति एप लांच किया है। 'शक्ति बटन एप'किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाया गया है। इसी तरह 'गुड़िया हेल्पलाइन' के नाम से एक अन्य हेल्पलाइन किसी भी आपातकाल में महिलाओं को तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए आरम्भ की गई है। इसके लिए टोल फ्री नम्बर 1515 स्थापित किया गया है, जो महिलाओं को तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे क्रियाशील हैं लेकिन इन प्रयासों को कारगर असर देखने को नहीं मिला है जिससे महिला सुरक्षा रामभरोसे ही है।