हिमाचल प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

VIDEO: मौत का मंजर पार कर रोज-रोज जाना पड़ता है स्कूल

स्कूल पढ़ने वाले बच्चों की अपनी मजबूरी है, उन्हें तो स्कूल पहुंचना ही है। या तो नाला देख वो घर बैठ जाएं और पढ़ने की खातिर अपनी जिंदगी से खिलवाड़ करें।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

शिमला। हिमाचल सरकार के विकास के दावों और साक्षरता दर में कितना फांसला है ये साफ देखा जा सकता है। प्रदेश में एक इलाका ऐसा भी है, जहां सालों से पुलिया नहीं बन पाई है। भारी बरसात में स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालक स्कूल पहुंचते हैं। वीडियो देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि असल हकीकत है क्या?

 VIDEO: मौत का मंजर पार कर रोज-रोज जाना पड़ता है स्कूल

सरकारी दावों की पोल खोलती ये तस्वीर है चंबा जिले की जहां के जुमहार क्षेत्र की उटीप पंचायतों को जोड़ने वाले सरड़ा नाले की ये हकीकत है। पिछले सात साल में एक पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। जिससे बरसात के दिनों में ये इलाका कट जाता है लेकिन स्कूल पढ़ने वाले बच्चों की अपनी मजबूरी है, उन्हें तो स्कूल पहुंचना ही है। आलम ये है कि बारिश के दिनों में स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। जब बारिश ज्यादा होती है तो बच्चे कई दिन तक स्कूल नहीं जा पाते है। उटीप पंचायत के नौनिहाल रोजाना जान खतरे में डालकर स्कूल जाने के लिए नाला पार करते हैं।

इससे अविभावकों को इन दिनों बच्चों की काफी चिंता सताती है। सात वर्ष पहले पुलिया बननी शुरू हुई, जो आज तक नहीं बन पाई। दो पंचायत के लोग कई बार इस बारे में पंचायत प्रतिनिधियों से पुलिया निर्माण की मांग कर चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। सरकारी बेरुखी के चलते बच्चों ने इस उफान भरे नाले को पार करने का जो तरीका अपनाया है। उसे देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस वीडियों में आप ही देखें कि उफनते नाले के बीच नन्हें बच्चे कैसे नाला पार कर रहे है। ये वीडियो हर उस मां-बाप के दिल को जोर-जोर से धड़ने पर मजबूर कर देगा जो अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं। अगर कहीं इसी तरह से कलेजे का टुकड़ा स्कूल जाए तो क्या होगा।

छोटे-छोटे बच्चे उफनते नाले को दिलेरी से पार कर रहे हैं। सहारा सिर्फ एक-दूसरे का ही है। पहले एक नाला पार करता है फिर दूसरा। इसी तरह से छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे को सहारा देकर तेज बहाव को पार कर रहे हैं। दो दिनों पहले भारी बारिश के बाद अचानक सरड़ा नाले में पानी बढ़ गया। इस पर बाट स्कूल से छुट्टी करके आ रहे नौनिहालों को करीब एक घंटे तक बहाव कम होने का इंतजार करना पड़ा।

जान जोखिम में डालकर नाला पार करते स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बताया कि बरसात में नाले में पानी का बहाव तेज हो जाता है और हमें नाले को पार करने में डर लगता है। छोटे बच्चों को कंधों पर उठाकर इस नाले को पार करना पड़ता है। पानी का बहाव तेज होने के कारण कई बार से छुट्टी रखनी पड़ती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नाले को पार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। स्कूली बच्चों को रोजाना खुद नाला पार करवाना पड़ता है। इस नाले में कई पशु बह चुके हैं। इसी प्रकार से पंचायत में पांच साल से पुलिया का निर्माण अधूरा है।

<strong>Read more: PICs: शराब का नशा और लड़कियों का साथ...ले डूबा अधिकारी जी को!</strong>Read more: PICs: शराब का नशा और लड़कियों का साथ...ले डूबा अधिकारी जी को!

देखिए VIDEO...

Comments
English summary
Child Students risk their life to go School everyday
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X