अस्पताल में युवती की मौत पर हमीरपुर में बवाल, सीएम जयराम को बदलना पड़ा रास्ता
हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर के निजी अस्पताल में रसौली के आपरेशन के दौरान डाक्टर की गलती से हुई मौत पर गुस्साए परिजनों ने करीब चार घंटे तक चक्का जाम किया। पक्का भरो में अस्पताल के बाहर सड़क पर शव को रखकर लोगों ने यातायात जाम रखा जिस कारण सैकड़ों वाहन फंसे रहे। स्थिति तनावपूर्ण देखकर पक्का भरो में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया। वहीं धर्मशाला राजमार्ग पर चक्का जाम के चलते सीएम जयराम ठाकुर के काफिले को बदलकर सुजानपुर मार्ग से जाना पड़ा है।
मौके पर पहुंची पुलिस
जानकारी के अनुसार, ढगोह गांव की 38 साल की अंकिता रसौली का इलाज निजी अस्पताल पक्का भरो से करवा रही थी। डॉक्टर पर आरोप है कि ऑपरेशन के समय गलत नस को काट दिए जाने पर अंकिता की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल के बाहर चक्का जाम किया जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। काफी देर तक परिजनों और पुलिस के साथ नोंकझोंक होती रही जिस पर गुस्साए लोगों ने शव के साथ पैदल ही करीब छह किमी का सफर तय कर लिया और मसियाना के पास पहुंचे।
डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
सडक पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि डाक्टर की गलती की वजह से युवती की मौत हुई है लेकिन अस्पताल वाले ताले लगाकर गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाानी चाहिए। महिलाओं ने कहा कि युवती की मौत के बाद अस्पताल पर ताला लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बीच रास्ते में रोककर अस्पताल तक पहुंचने के लिए रोका है। उन्होंने कहा कि लोग पांच से छह किमी तक पैदल चलकर पहुंचे हैं।
एएसपी ने कहा
मौके पर पहुंचे एएसपी विजय सकलानी ने बताया कि लाश का पोस्टमॉर्टम किया गया है और अभी रिपोर्ट नहीं आई है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि परिजनों को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आश्वासन दिया है। आश्वासन के बाद ही लोगों ने चक्का जाम को खोला है। वहीं प्रदर्शन करने आ रहे लोगों पर एसएचओ के पिस्तौल निकालने मामले पर कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं है और ऐसा हुआ है तो छानबीन की जाएगी।
जनता से बचकर निकल रहे हैं मुख्यमंत्री: कांग्रेस
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर हमला करते हुए कहा कि वे जनता की समस्याओं से बचकर निकल रहे हैं। अव्वल तो वो सड़क पर चलते ही नहीं और अगर कभी-कभार सड़क के रास्ते से चलें भी तो जनता के सवालों से बचकर रूट बदल कर निकल जा रहे हैं। हमीरपुर में एक औरत की मृत्यु पर परिजनों के आक्रोश को सुनने की भी मुख्यमंत्री ने ज़हमत नहीं उठाई। परिजन सड़क और चक्का जाम करके घंटों मुख्यमंत्री का इंतजार करते रहे। मुख्यमंत्री को पीड़ित परिजनों की बात सुननी चाहिए थी लेकिन ये सरकार जनसमस्याओं के प्रति असंवेदनशील हो चुकी है।
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