हिमाचल : 2013-14 से हो रहे 150 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले की जांच करेगी सीबीआई
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हुए 150 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी। मामला सामने आया जब एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप की राशि उन लोगों को बांट दी गई थी जो इसके पात्र ही नहीं थे। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में अनेक अनियमितताएं होने की बात सामने आई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छानबीन के लिए राज्य सरकार सीबीआई को मामला सौंपेंगी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक छात्रों के व्यापक हित में चलाई जा रही इन योजनाओं में किसी प्रकार की गड़बड़ी को राज्य सरकार गंभीरता से लेगी और इसे सहन नहीं किया जाएगा।बताया जा रहा है कि अब 7.5 लाख छात्रों का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। अब एक बैंक खाते पर एक ही छात्र को छात्रवृत्ति मिलेगी और बिना आधार नंबर छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी।
कैसे हुआ घोटाला
जब एडमिशन के लिए छात्र काउंसलिंग के लिए कॉलेजों में जाते हैं। यूनिवर्सिटीज या कॉलेज छात्रों की जानकारी लेने के लिए उनसे फॉर्म भरवाते हैं। फॉर्म में छात्रों के फोटो, आधार नंबर और उनके हस्ताक्षर ले लिए जाते हैं। संस्थान इन सभी छात्रों की जानकारी इकट्ठा कर केंद्र से मिली स्कॉलरशिप को खा रहे हैं। साल 2013-14 से लेकर अब तक गड़बड़ी की जा रही है।
शिकायत करने के बाद जांच में पता चला कि केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाओं की राशि के आवंटन में 150 करोड़ से ज्यादा की राशी उन लोगों को बांट दी गई जो इसके पात्र ही नहीं थे। तमाम राशी हिमाचल व चंडीगढ़ के प्राईवेट शिक्षण संस्थानों को बांटी गई। इसके विपरीत सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को महज 20 प्रतिशत राशि ही मिली। जांच में पाया गया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आपसी मिलिभगत से सब होता रहा।