हिमाचल में भाजपा ने किया शिक्षा का बेड़ा गर्क, मनीष सिसोदिया के बयान पर बीजेपी ने क्या कहा?
शिमला, 17 मई। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिमला में आयोजित शिक्षा पर संवाद कार्यक्रम में शिरकत करते हुये प्रदेश की बदतर शिक्षा व्यवस्था के लिये भाजपा और कांग्रेस की सरकारों को दोषी करार दिया। खासकर भाजपा सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि अभी तक प्रदेश की राजनीति में चुनाव लड़ने वाले दलों ने कभी भी शिक्षा पर बात नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की शिक्षा का बेड़ा गर्क करके रख दिया है। यह हिमाचल में नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है। भाजपा कभी भी नहीं चाहती कि आपके बच्चे पढ़ लिखकर आगे आयें।
मनीष सिसोदिया ने हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों को लेकर अभिभावकों, शिक्षाविदों की ओर से पूछ गए सवालों का जवाब देते हुये कहा कि पहली बार आज शिक्षा पर बात हो रही है। यह अच्छी शुरुआत है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस की चर्चा की व कहा कि जब हम दिल्ली में सरकार में आए थे, तब दिल्ली पर भारी कर्ज़ा था, मगर उस भार के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुझसे साफ कहा था कि अगर स्कूल और पुल बनवाने में से किसी एक को चुनना हो तो स्कूल को चुनना, बच्चे पढ़ लिख गए तो पुल अपने आप बनवा लेंगे। उसी सोच को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत हिमाचल के हालत बद से बदतर हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का स्तर दयनीय स्थिति में है। प्रदेश में जहां मात्र तीन छात्रों पर चार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं जबकि प्रदेश के 2683 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जो एक एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। ऐसा हाल प्रदेश में पहली बार देखने को मिला है । भाजपा के शासन काल में शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका है कि यहां न तो बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने आ रहे हैं और न ही बच्चों के अभिभावक स्कूल पढ़ने के लिए भेज रहे हैं क्योंकिं सरकार मौज-मस्ती में व्यस्त है उसे प्रदेश के बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। प्रदेश में आपके और हमारे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। हिमाचल में सरकारी स्कूलों को लगातार बंद करवाया जा रहा है और प्राइवेट को बढ़ाया दिया जा रहा है। इसलिए कहा जाता है कि यदि किसी समाज को बरबाद करना है तो स्कूल बंद कर दो। दिल्ली में पांच साल के भीतर सरकारी स्कूल प्राइवेट से अच्छे हो गए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश का एक मात्र राज्य है जहां सात साल में कुल बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। उन्होंने आंकड़ा देते हुए हिमाचल में भाजपा सरकार ने पांच साल में सैकड़ों बंद कर दिए। साल 2015 में 10 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे और आज सिर्फ आठ लाख बच्चे हैं। 2,000 हजार स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक है। उन्होंने एक बार हिमाचल विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मौका देने की अपील की। कहा कि पांच साल के भीतर सरकारी स्कलों की तस्वीर प्राइवेट से बेहतर नहीं हुई तो अगली बार वोट मत देना। कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार जनता शिक्षा के मुद्दे पर वोट करेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी आने वाले दिनों में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करेगी और प्रदेश व बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी। हिमाचल के नागरिकों से बात करके जाना कि 5 साल में भाजपा ने किस हद तक शिक्षा व्यवस्था का सत्यानाश किया है। सैकड़ों सरकारी स्कूल बंद करके महंगे प्राइवेट स्कूल खड़े कर दिए हैं। 47% कॉलेजेस में प्रिंसिपल नही और 8500 स्कूल में सिर्फ एक-दो शिक्षक है। 2 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ दिए।भ्रष्ट BJP ने आम आदमी को अनपढ़ रखकर, हिमाचल के बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की कसम खाई है। इस बार आप हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था का रुख बदलने के लिए तैयार है। दिल्ली की तरह हम हिमाचल के बच्चों को भी वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन देंगे। आप के साथ हिमाचल का भविष्य ज़रूर निखरेगा।
उधर, भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिमला में पूर्व नियोजित कार्यक्रम का आयोजन किया था, जहां कार्यक्रम और प्रश्नों का निर्णय पहले ही कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को इस तरह के ड्रामे को बंद करना चाहिए, जिसके जरिए वे आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में केवल आप सदस्य मौजूद थे और मनीष सिसोदिया के साथ बातचीत में शामिल थे। सिसोदिया द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार और बिना दस्तावेज के हैं। उन्होंने कहा कि कई राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में हिमाचल पहले स्थान पर है और हमें हिमाचल की शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत सारे पुरस्कार मिले हैं। हम केवल केरल के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं और हमारी साक्षरता दर 96 प्रतिशत से अधिक है। हम मनीष सिसोदिया से पूछना चाहेंगे कि शिक्षा के मामले में दिल्ली कहां है, दिल्ली हिमाचल से काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि सिसोदिया द्वारा पेश किए गए सभी तथ्यों और आंकड़ों मनगढ़ंत है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि हम बताना चाहेंगे कि हमारे राज्य में उच्च शिक्षा के 6 लाख छात्र हैं और शिक्षा के सभी स्तरों पर हिमाचल में 14 लाख से अधिक नामांकित हैं। रणधीर ने कहा कि मनीष सिसोदिया के सभी दावे केवल राजनीतिक फायदे के लिए हैं। हमारे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षा के सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, हमारी सरकार ने हमारे कई गैर-नियमित शिक्षकों को नियमित किया है। हमारा राज्य पूरे राज्य में छात्रों के लिए छात्रवृत्ति दे रहा है जिसके लिए हमारे पास 15 करोड़ का बजट है। हमारी सरकार हमारे राज्य में छात्रों को मुफ्त पोशाक, किताबें और बैग दे रही है। हिमाचल और दिल्ली की तुलना नहीं की जा सकती है, हमारी अलग-अलग भौगोलिक स्थितियां हैं। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा राज्य है जहां 5 छात्रों के लिए स्कूल खोलना है क्योंकि बच्चों को लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ता है।