पढ़िए: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उभरते 'राम' की पूरी कहानी...
यही वफादारी आज जय राम ठाकुर के काम आई, खुद जेपी नड्डा से लेकर शांता कुमार जैसे दिग्गज नेता जय राम ठाकुर के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं।
शिमला। हिमाचल की राजनीति में सरकार बदलते ही एक ऐसा नाम सुर्खियों में आया जिसको लेकर किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ये शख्स भी कभी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकता है। यहां बात हो रही है मंडी के सिराज चुनाव क्षेत्र से जीत कर आए विधायक जय राम ठाकुर की। जिन्होंने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, प्रदेश में ऐसा भी पहली बार हुआ जब किसी मुख्यमंत्री के शपथ समारोह में खुद देश के प्रधानमंत्री पहुंची। चुनावों से पहले जब हिमाचल में जगत प्रकाश नड्डा ने अपने कदम रखे थे तो उस समय अकेले जय राम ठाकुर ही थे, जो प्रेम कुमार धूमल के साथ नहीं बल्कि नड्डा के साथ खड़े हो गए थे। यही वफादारी आज जय राम ठाकुर के काम आई, खुद जेपी नड्डा से लेकर शांता कुमार जैसे दिग्गज नेता जय राम ठाकुर के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। खेल देखिए कि एक समय जय राम ठाकुर को जब धूमल सीएम बने थे, तो मन माफिक महकमा भी नहीं मिल पाया था। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद पंचायती राज्य मंत्री बनाया गया लेकिन आज वक्त बदल गया है। धूमल का सूर्य अस्त हो चुका है और मंडी अब राममय हो गई है।
तीन भाइयों में सबसे छोटे जय राम, स्कूल से ही प्रतिभा के बड़े धनी
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सिराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुराहग के तांदी गांव में 6 जनवरी 1965 को जेठू राम और बृकु देवी के घर जन्मे जय राम ठाकुर का बचपन गरीबी में बीता। परिवार में 3 भाई और 2 बहने थीं। पिता खेतीबाड़ी और मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। जय राम ठाकुर तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं इसलिए उनकी पढ़ाई-लिखाई में परिवार वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जय राम ठाकुर ने कुराणी स्कूल से प्राइमरी करने के बाद बगस्याड़ स्कूल से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वो मंडी आए और यहां से बीए करने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई पूरी की। जय राम ठाकुर को पढ़ा चुके अध्यापक लालू राम बताते हैं कि जय राम ठाकुर बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे। अध्यापक भी यही सोचते थे कि जय राम ठाकुर किसी अच्छी पोस्ट पर जरूर जाएंगे। लेकिन अध्यापकों को ये मालूम नहीं था कि उनका स्टूडेंट प्रदेश की राजनीति का इतना चमकता सितारा बन जाएगा।
ABVP से बनाई पहचान, 1993 में बीजेपी ने दिया टिकट
जब जय राम ठाकुर वल्लभ कॉलेज मंडी से बीए की पढ़ाई कर रहे थे तो उन्होंने एबीवीपी के माध्यम से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। यहीं से शुरुआत हुई जय राम ठाकुर के राजनीतिक जीवन की। जय राम ठाकुर ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। एबीवीपी के साथ-साथ संघ के साथ भी जुड़े और कार्य करते रहे। घर परिवार से दूर जम्मू-कश्मीर जाकर एबीवीपी का प्रचार किया और 1992 को वापस घर लौटे। घर लौटने के बाद वर्ष 1993 में जय राम ठाकुर को भाजपा ने सराज विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया। जब घरवालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया। जय राम ठाकुर के बड़े भाई बीरी सिंह बताते हैं कि परिवार के सदस्यों ने जय राम ठाकुर को राजनीति में ना जाकर घर की खेतीबाड़ी संभालने की सलाह दी थी। क्योंकि चुनाव लड़ने के लिए परिवार की आर्थिक स्थिति इजाजत नहीं दे रही थी।
पहली बार हारे लेकिन फिर नहीं देखा हार का मुंह
जय राम ठाकुर ने अपने दम पर राजनीति में डटे रहने का निर्णय लिया और विधानसभा का चुनाव लड़ा। उस वक्त जय राम ठाकुर मात्र 26 वर्ष के थे। ये चुनाव जय राम ठाकुर हार गए। वर्ष 1998 में भाजपा ने फिर से जय राम ठाकुर को चुनावी रण में उतारा। इस बार जय राम ठाकुर ने जीत हासिल की और उसके बाद कभी विधानसभा चुनावों में हार का मुहं नहीं देखा। जय राम ठाकुर विधायक बनने के बाद भी अपनी सादगी से दूर नहीं हुए। जय राम ठाकुर ने विधायकी मिलने के बाद भी अपना वो पुश्तैनी कमरा नहीं छोड़ा जहां उन्होंने अपने कठिन दिन बीताए थे। जय राम ठाकुर अपने पुश्तैनी घर में ही रहे। हालांकि अब जय राम ठाकुर ने एक आलीशान घर बना लिया है और वो परिवार सहित वहां पर रहने भी लगे हैं लेकिन शादी के बाद भी जय राम ठाकुर ने अपने नए जीवन की शुरुआत पुश्तैनी घर से ही की।
1995 में डॉ. साधना से की शादी, हैं दो बेटियां
वर्ष 1995 में उन्होंने जयपुर की डॉ. साधना सिंह के साथ शादी की। जय राम ठाकुर की दो बेटियां हैं। आज अपने बेटे को इस मुकाम पर देखकर माता का दिल फुले नहीं समाता। जय राम ठाकुर के पिता जेठू राम का गत वर्ष देहांत हो गया है। जय राम ठाकुर की माता बृकु देवी ने बताया कि उन्होंने विपरित परिस्थितियों में अपने बच्चों की परवरिश की है। अब उनका सपना है कि जय राम ठाकुर प्रदेश का सीएम बने। जय राम ठाकुर एक बार सराज मंडल भाजपा के अध्यक्ष, एक बार प्रदेशाध्यक्ष, राज्य खाद्य आपूति बोर्ड के उपाध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। जब जय राम ठाकुर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे तो भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। जय राम ठाकुर ने उस दौरान सभी नेताओं पर अपनी जबरदस्त पकड़ बनाकर रखी थी और पार्टी को एकजुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यही कारण है कि आज इस नेता का नाम शीर्ष पद को लेकर सुर्खियों में हैं।
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