हिमाचल प्रदेश: 'राम' राज्य की झगड़े से हुई शुरुआत, सचिवालय में कमरों की लड़ाई
उसके बाद दूसरे मंत्री किशन कपूर भी अपने समर्थकों के साथ इसी कमरे में आ धमके लेकिन 215 नंबर कमरे में पहले से ही विक्रम सिंह ठाकुर अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे।
शिमला। हिमाचल में नई बनी जय राम ठाकुर सरकार के मंत्रियों में सचिवालय में आते ही कमरों को लेकर घमासान मच गया। हालांकि मुख्यमंत्री ने इससे पहले अपने ऑफिस में आते ही धार्मिक रीति रिवाज से पूजा पाठ भी कराया लेकिन मंत्रियों में कमरों को लेकर मचे घमासान की वजह से सचिवालय में सरकारी अफसरों के भी खूब पसीने छूट रहे हैं। मंत्रियों के बीच कमरों को लेकर अभी भी तनातनी का महौल बना हुआ है। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रियों को वरिष्ठता के लिहाज से कमरे अलॉट किए थे लेकिन मंत्री हैं कि वो अपने पसंद के कमरे में बैठने की चाहत मन में पाले हैं। अब सारा मामला आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के समक्ष होगा। उसके बाद ही तय होगा कि कौन मंत्री किस कमरे में बैठेगा।
सचिवालय में कमरों को लेकर तनातनी
दरअसल बुधवार दोपहर जयराम ठाकुर की कैबिनेट के दो मंत्रियों में कमरे को लेकर पहले दिन ही तनातनी हो गई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद बिक्रम सिंह और किशन कपूर कमरा नंबर 215 में आ धमके। पहले जसवां-परागपुर से विधायक एवं मंत्री बिक्रम सिंह सचिवालय पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थक काफी संख्या में कमरा नंबर 215 में मौजूद थे। उसके बाद दूसरे मंत्री किशन कपूर भी अपने समर्थकों के साथ इसी कमरे में आ धमके लेकिन 215 नंबर कमरे में पहले से ही विक्रम सिंह ठाकुर अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। इसके बाद किशन कपूर अपने समर्थकों के साथ स्टाफ के वेटिंग रूम में चले गए। किशन कपूर करीब 25 मिनट तक यहीं पर रहे। इस दौरान कमरे के बाहर और भीतर दोनों मंत्रियों के समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। कुछ देर तक किशन कपूर के समर्थकों ने नारेबाजी की और बाद में बिक्रम सिंह के समर्थकों ने भी मंत्री के समर्थन में नारेबाजी की। इससे माहौल तनावपूर्ण हो रहा था, लेकिन दोनों मंत्रियों को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में जाना था। इसके बाद दोनों मंत्री समर्थकों सहित कमरे से बाहर आ गए।
इसीलिए हुई थी पहले पूजा कि ना हो झगड़ा
सचिवालय में कमरों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है, क्योंकि प्रत्येक सरकार में खासकर वरिष्ठ नेता अच्छे कमरे को लेकर इस तरह का दबाव डालते हैं। चर्चा ये भी है कि सुरेश भारद्वाज के कुछ समर्थकों ने मंगलवार शाम को ही कमरा नंबर 131 में ताला जड़ दिया था। ये देखते हुए जीएडी ने बीती रात को ज्यादातर कमरों में ताले लगा दिए थे। हालांकि इसे लेकर जीएडी के अधिकारी मंगलवार देर रात एक बजे तक माथापच्ची करते रहे, लेकिन वरिष्ठ मंत्रियों का इसे लेकर विभाग पर लगातार दबाव रहा। ये देखते हुए मंत्रियों के कमरे को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में भी चर्चा की गई है। इसमें मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कमरों का आबंटन किया गया है।
मनहूस माना जाने वाला कमरा नंबर 202, फिर दे रहा है डर
बताया जा रहा है कि जीएडी की टैंटेटिव लिस्ट में 215 नंबर कमरा किशन कपूर को अलॉट था, लेकिन किशन कपूर से पहले इस कमरे में बिक्रम सिंह आ धमके, जिससे मामला उलझ गया। वहीं विभाग के अधिकारी मंत्रियों से जुड़ा मामला होने की वजह से इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। वहीं नाहन से विधायक डॉ. राजीव बिंदल को लेकर चर्चा इस बात की है कि उन्होंने एक रोज पहले ही जीएडी के अधिकारियों से मिलकर अपनी पसंद का कमरा अलॉट करवा दिया था, लेकिन सुबह उनका नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों में नहीं था। हालांकि पार्टी ने अब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाने का ऐलान जरूर किया है।
अंधविश्वास रहा है कि यहां बैठने वाला मंत्री चुनाव हार जाता है
प्रदेश सचिवालय में कमरा नंबर 202 लाहौल-स्पीति के विधायक डॉ. राम लाल मार्कंडेय को दिया गया है। डॉ. मार्कंडेय दूसरी बार मंत्री बने हैं। वीरभद्र सरकार में इस कमरे में शहरी एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा थे। वहीं इस बारे में मार्कंडेय ने कहा कि कमरा कोई मनहूस नहीं होता, काम करने आए हैं काम करेंगे। इस कमरे को लेकर अंधविश्वास रहा है कि यहां बैठने वाला मंत्री चुनाव हार जाता है। इस बार सुधीर शर्मा भी चुनाव हार गए हैं।