अटल जी के ना रहने के शोक में डूबा एक गांव, रात में चूल्हे तक नहीं जले
शिमला। पूर्व प्रधानमंत्री और सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजे गए अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद पूरा देश में शोक में डूब गया है। हिमाचल प्रदेश के मनाली के प्रीणी गांव को अपना दूसरा घर मानने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए किया है। प्रीणी गांव में बीती रात किसी भी घर में चूल्हा तक नहीं जला। लोगों ने तय किया है कि वह अपने नेता की अंत्येष्टि के बाद ही अपने घरों में चूल्हा जलायेंगे।
हिमाचल सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राज्य शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज भी झूका रहेगा। राज्य सरकार ने वाजपेयी जी के सम्मान में 17 व 18 अगस्त, 2018 को दो दिन के सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अटल बिहारी वाजपेयी को नई दिल्ली में उनके निवास स्थान जाकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।
राज्यपाल ने कहा कि भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन देश तथा हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी क्षति है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि वाजपेयी सही अर्थों में भारत के रत्न थे, जिन्होंने अपनी सादगी, विनम्रता व अपनेपन से सभी के दिलों पर राज किया। उन्होंने हमेशा मूल्यों पर आधारित राजनीति की और उदारवादी नेता व सर्वमान्य नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई। उनके निधन से जो शून्यता आ गई है, उसकी भरपाई कर पाना कठिन है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का राज्य के लोगों के प्रति विशेष लगाव था, क्योंकि वे हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास के लिए उदारतापूर्वक धनराशि प्रदान की। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी का हिमाचल से उनका विशेष नाता था तथा वे प्रदेश को वह अपना दूसरा घर समझते थे। उन्होंने परमपिता परमेश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की है।