हिमाचल: 'स्मैक, चरस और शराब की तस्करी के लिए ASP को हर महीने देता था 25 हजार रु'
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में सिंघम के नाम पर मशहूर जिला के एसपी दिवाकर शर्मा ने अपने ही महकमे के भ्रष्ट पुलिस अफसरों का पर्दाफाश कर प्रदेश की राजनिति में भूचाल ला दिया है। दरअसल ऊना में पुलिस ने एक नाके के दौरान एक कार से तीन युवकों को स्मैक, चरस और शराब के साथ गिरफ्तार किया। एक आरोपी से ऊना के एसपी दिवाकर शर्मा ने पूछताछ की तो उसने बताया कि ऊना में एएसपी रहे हिमाचल पुलिस सेवा के अफसर सहित पूर्व एसआईयू इंचार्ज हर महीने उससे पैसा लेते थे जिससे वह आराम से यह कारोबार करते रहे। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया गया है कि पूर्व में ऊना में तैनात रहे एएसपी को वह प्रतिमाह 25 हजार रुपए दिया करता था। इस रकम की अदायगी बाकायदा एएसपी के घर पर जाकर हर माह की जाती थी। इसके बदले में वह नशे का कारोबार करने में राहत पाता था। वहीं एस आई यू इंचार्ज इंचार्ज भी नशे के कारोबार करने में छूट देने के नाम पर उससे रुपए की मांग करता था, जिसके बाद मामला 4 हजार रुपए मासिक के तौर पर सैटल हुआ व उनका कारोबार पुलिस संरक्षण में चल निकला।
ऊना में पिछले दिनों एसपी व एएसपी का तबादला हो गया। उसके बाद नशा माफिया के खिलाफ जबरदस्त नाकेबंदी की गई तो सारा भेद खुल गया। आरोपी का इलाके में कितना बड़ा नेटवर्क होगा, इस बात अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ 20 से अधिक केस दर्ज हैं। पुलिस में उसकी पहुंच के चलते उसके खिलाफ कदम उठाने में पुलिस वालों की हिम्मत भी जवाब दे देती थी।
पुलिस द्वारा खोली गई आरोपी की फाइल में खुलासा हुआ कि वर्ष 2003 में उसके खिलाफ एन.डी.पी.एस. का एक मामला दर्ज हुआ था, जिसके चलते उसको सजा भी हुई थी। उसके बाद उसने एन.डी.पी.एस. का कारोबार छोड़ कर सट्टे और शराब का काम शुरू कर लिया। पूर्व एस.आई.यू. इंचार्ज की टीम ने उस समय उक्त आरोपी की दुकान पर कुछ बार छापामारी भी की लेकिन शराब की चंद बोतलों के अलावा उन्हें वहां कुछ नहीं मिल पाता था। इसके चलते शराब के मामले बनाए जाते रहे थे। जब भी उसके यहां दबिश दी जाती,विवादों में घिरे पुलिस अफसर उसकी मदद को आगे आ जाते।
सारे घटनाक्रम के बाद एचपीएस काडर के पुलिस अफसर एस आई यू टीम के पूर्व प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल पर नशे के कारोबारी से महीना लेने के मामले में सदर थाना ऊना में एफआईआर रजिस्टर की गई है। आरोपी हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि एचपीएस अधिकारी की शिकायत डीजीप को की गई है। डीजीपी ने मामले में कार्रवाई करते हुये पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा है। डीएसपी ऊना अशोक वर्मा ने बताया कि इस संदर्भ में सदर थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है जबकि पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार मामले की जांच स्टेट सीआईडी द्वारा की जाएगी।
इस बीच नशा तस्करी मामले में सस्पेंड होने के बाद पूर्व एसआईयू इंचार्ज बृज भूषण की अचानक ही तबीयत बिगड़ गई। गंभीर हालत में उन्हें ऊना अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। पुलिस की वर्दी पर लगे इन आरोपों ने एक बार फिर से पूरे तंत्र को हिलाकर रख दिया है।
इसे भी पढ़ें: मोबाइल खरीदने का शौक लिए कमाने निकला बच्चा, मौत के मुंह में समा गया